क्या कहा गया है आदेश में?
आदेश में कहा गया है कि घोड़े और खच्चरों की संख्या 800 पूरे होने के बाद खच्चर उसी अनुपात में जानकीचट्टी से भेजे जायेगें, जिस अनुपात में वे यानी खच्चर यमुनोत्री से वापस आयेगें। प्रत्येक घोड़े और खच्चर के जाने, यात्री के दर्शन करने और वापसी हेतु कुल 05 घंटे का समय तय किया जाता है। समयाविधि खत्म होने की स्थिति में कोई भी घोड़े या खच्चर किसी भी दशा में यात्रा मार्ग पर नहीं रहेगा।
Yamunotri Dham के यात्रियों को इन बातों का ध्यान रखना होगा
यमुनोत्री धाम पहुंचने पर यात्रियों के दर्शन लिए एक घंटे का समय तय किया गया है। इस अवधि खत्म होने की स्थिति में घोड़ा और खच्चर संचालक यात्री के बिना ही वापस लौट आयेगा। डण्डी के आने जाने का समय सुबह 4 बजे से शाम 4 बजे तक तय किया गया है। डण्डी के लिये आने जाने के लिए 6 घंटे का समय निर्धारित किया गया है। 50 के स्लॉट में डण्डी छोड़े जायेंगे। एक स्लॉट के छोड़े जाने के बाद दूसरा स्लॉट 1 घण्टे के अंतराल में रोटेशन अनुसार छोड़ा जायेगा। डण्डी का संचालन बिरला धर्मशाला से किया जायेगा। प्रशासन की तरफ से यह आदेश सोमवार 20 मई 2024 को जारी किया गया है।