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लखनऊ

Chanakya Neeti: आपके ये तीन हितैषी भी बन सकते हैं मौत की वजह, जानिए क्या कहती है चाणक्य नीति

Chankya Neeti in Patrika: चाणक्य की नीतियां आमतौर पर जीवन के कुछ मोड़ पर अक्सर सच्चाइयों से रूबरू करती हैं। इसी क्रम में जानिए चाणक्य की पहली नीति।

लखनऊApr 23, 2022 / 03:51 pm

Snigdha Singh

Chanakya Neeti About Fake Friend Wife And Servant

Chanakya Neeti About Fake Friend Wife And Servant

चाणक्य द्वारा बताई गई चाणक्य नीतियों के माध्‍यम से जीवन की कुछ समस्‍याओं का समाधन मिल सकता है। चाणक्य की नीतियों पर चलकर सही व्यक्ति और उसके काम ईमान की पहचान भी की जा सकती है। पहले अध्याय में राजनीतिज्ञ चाणक्य ने दुष्‍ट लोगों की पहचान और जीवन में सुखी रहने के लिए कई बातों के साथ कई समस्याओं के हल भी बताए हैं। उन्‍होंने मुसीबत में घिरे इंसान को परेशानियों से निकलने के कई रास्‍तों से रूबरू कराया। आचार्य चाणक्य एक कुशल राजनीतिज्ञ, चतुर कूटनीतिज्ञ, प्रकांड अर्थशास्त्री के रूप में विश्व में जाने जाते हैं। उन्होंने कहा दुष्ट पत्नी, झूठे मित्र, बदमाश नौकर और सांप के साथ मौत जैसा होता है।
क्यों होता है इनके साथ रहना मृत्यु समान
चाणक्‍य नीति कहती है कि यदि पत्‍नी दुष्ट है, मित्र झूठा है, नौकर बदमाश है, तो व्‍यक्ति को इनके साथ नहीं रहना चाहिए। जैसे सांप के साथ रहना अक्सर खतरे का निशान होता है वैसे ही इन तीनों के साथ रहना मौत को बुलावा देना होता है।
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पत्नी की ईमादारी वाला पति सबसे अमीर

कहा गया है कि यदि कोई पति पत्नी की ईमानदारी जेब में रख कर घूमता हो तो उससे अमीर कोई नहीं होता है। वहीं, एक अच्छा मित्र वही है, जो इन हालात में हमारा साथ न छोड़े। आवश्यकता पड़ने पर, किसी दुर्घटना के समय, जब अकाल पड़ा हो, जब युद्ध चल रहा हो और श्मसान जाना पड़ा।
कहीं रहने से पहले जान ले ये नीति
चाणक्‍य नीति कहती है कि उस देश और स्थान में निवास नही करना जहां आपकी कोई इज्जत न हो। खासतौर पर उस स्थान पर तो बिल्कुल नहीं जहां आप रोजगार नहीं कमा सकते, जहां आपका कोई मित्र नहीं हो और जहां आप कोई ज्ञान अर्जित नहीं कर सकते।
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जीवन में पहले इनकी एकबार जरूर लें परीक्षा
चाणक्‍य नीति में सबसे पहले ही कहा गया है कि नौकर की परीक्षा तब करें जब वह कर्त्तव्य का पालन न कर रहा हो। विपरीत परिस्थितियों में मित्र की और पत्नी की परीक्षा तब करें जब आपका समय ठीक न हो। रिश्तेदार को तब आजमाएं, जब आप मुसीबत में हों।

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