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CEC बोले, डूबते को तिनके का सहारा, देवदूतों के लिए भेजी भावुक चिट्ठी

CEC’s letter:मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार की भावुक चिट्ठी देश भर में चर्चा का विषय बन गई है। उन्होंने भावुक चिट्टी से देवदूतों का आभार जताया है। आगे पढ़ें कि आखिर सीईसी ने भावनात्मक खत किसे और क्यों भेजा…

लखनऊOct 22, 2024 / 07:45 am

Naveen Bhatt

CEC Rajiv Kumar has expressed his gratitude by writing a letter to ITBP Director General

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार

CEC’s letter:मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने आईटीबीपी के महानिदेशक को खत लिया है। दरअसल, सीईसी राजीव कुमार पिछले हफ्ते उत्तराखंड के सीमांत पिथौरागढ़ जिले के 14 गांवों के सुदूर मतदान केंद्रों का जायजा लेने के लिए अधिकारियों के साथ हेलिकॉप्टर से आए थे। खराब मौसम के चलते उनके हेलिकॉप्टर की करीब 11 हजार फीट ऊंचाई पर स्थित रालम गांव में आपात लैंडिंग करनी पड़ी थी। इस गांव में 28 घर हैं, लेकिन अधिक ठंड के चलते गांव के लोग पलायन कर चुके थे। सीईसी पांच सदस्यीय टीम के साथ उस वीरान पड़े गांव में फंस गए थे। उनकी टीम ने किसी तरह एक घर को खोल कर शरण ली और सेटेलाइट फोन के जरिए जिलाधिकारी से मदद मांगी थी। सूचना मिलते ही रालम गांव के निवासियों व आईटीबीपी के अफसरों ने रात एक बजे गांव पहुंचकर सीईसी की मदद की थी। रालम गांव में न बिजली है और न सड़क। एक डिग्री तापमान में बड़ी मुश्किल से उन्होंने यहां रात काटी थी। अगली सुबह उन्हें मुनस्यारी पहुंचाया गया था। सीईसी रालम गांव वासियों और आईटीबीपी के आतिथ्य के मुरीद हो गए हैं।

रात में 38 किमी पैदल चली थी रेस्क्यू टीम

सीईसी राजीव कुमार ने खत के के माध्यम से कहा कि आपात लैंडिंग के बाद जहां रुके थे, वहां रालम के शीतकालीन प्रवास पातौं गांव से ईश्वर सिंह नबियाल, सुरेंद्र कुमार और भूपेन्द्र सिंह ढकरियाल भारी बारिश, खराब सड़क और बेहद कठिनाइयों के बावजूद 38 किमी से अधिक की दूरी तय कर रात एक बजे वहां पहुंचे थे। ये लोग जीवन रक्षक व खाद्य सामग्री लेकर पहुंचे थे और उनके साथ एक श्वान भी था। इस क्षण को याद करते हुए सीईसी ने कहा है कि एक कहावत है कि ‘डूबते को तिनके का सहारा, हम सबके साथ यह कहावत उस समय चरितार्थ हुई जब यह तीन सदस्यीय दल देवदूत बनकर रालम पहुंचा।
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मानवता की मिशाल पेश की

 सीईसी कुमार ने उत्तराखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और आईटीबीपी के महानिदेशक को पत्र लिखकर मदद करने वाले ग्रामीणों, सरकारी कर्मचारियों का अभार जताया है। सीईसी ने अपने खत में लिखा है ‘सभी युवा देवदूतों ने मानवता के उच्च आदर्शों का पर्याय बनते हुए हम सब की जीवन रक्षा के लिए इस दिन को अविस्मरणीय यादों में अलंकृत कर दिया। आपदा प्रबंधन में स्थानीय लोगों की भागीदारी की इस मिसाल को फर्स्ट रेस्पोंडर की पॉलिसी को प्रशासन सशक्त रूप से अपनायेगा। कहा कि स्थानीय लोगों को प्रेरित एवं सम्मानित करेगा, ऐसा मेरा विश्वास है। राजीव कुमार ने सभी का तहे दिल से आभार व्यक्त किया है।

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