सीबीआई (CBI) करेगी हादसे की जांच दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की मंजूरी के बाद प्रदेश के गृह विभाग ने उन्नाव गैंग रेप पीड़ित (Unnao Gangrape Victim) के एक्सीडेंट के दूसरे ही दिन सोमवार को सीबीआई (CBI) जांच की सिफारिश का पत्र केंद्र सरकार (Central Government) को भेजा था। जिसपर केंद्र सरकार ने मंगलवार को सहमति दे दी। इसके साथ ही हादसे के संबंध में रायबरेली के गुरुबख्शगंज थाने में क्राइम नंबर 305/2019 पर दर्ज मुकदमे की जांच सीबीआई (CBI) को ट्रांसफर कर दी। यह मुकदमा धारा 302, 307, 506 और 120 बी के तहत दर्ज किया गया था। इसमें पहले से सीतापुर जेल में बंद विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldip Singh Sengar) के अलावा मनोज सिंह सेंगर, विनोद मिश्र, हरिपाल सिंह, नवीन सिंह, कोमल सिंह, अरुण सिंह, ज्ञानेन्द्र सिंह, रिंकू सिंह और वकील अवधेश सिंह को नामजद करते हुए 20 अन्य लोगों को नामजद किया गया है।
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सभी तथ्यों को जुटाने में जुटी एसआईटी (SIT) वहीं उन्नाव गैंग रेप पीड़ित के एक्सीडेंट (Unnao Gangrape Vivtim Accident) के बाद पुलिस ने दुर्घटना करने वाले ट्रक के ड्राइवर आशीष पाल व क्लीनर मोहन को गिरफ्तार कर लिया था। फतेहपुर निवासी ट्रक मालिक देवेन्द्र किशोर पाल को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। मामला सीबीआई (CBI) को स्थानान्तरित हो जाने से पहले एसआईटी (SIT) से जांच कराई जा रही थी। रायबरेली के अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) शशि शेखर को इसका प्रमुख बनाया गया है। प्रदेश के आईजी कानून-व्यवस्था प्रवीण कुमार का कहना है कि सीबीआई (CBI) के स्तर से इस मामले की जांच अपने हाथ में लिए जाने तक प्रदेश पुलिस अपनी जांच जारी रखेगी, ताकि घटना से जुड़े सभी पहलुओं से जुड़े तथ्य जुटाए जा सकें। रायबरेली के एएसपी शशि शेखर की अगुवाई में गठित इस एसआईटी (SIT) में तीन क्षेत्राधिकारियों (सीओ) गोपीनाथ सोनी, लक्ष्मीकांत गौतम और आरपी शाही को भी शामिल किया गया है।