जब कोर्ट ने वकील से पूछा, क्या वह जमानत याचिका का विरोध कर रहे हैं, तो उन्होंने कहा, “मैं न तो विरोध कर रहा हूं और न ही समर्थन कर रहा हूं.” उन्होंने अदालत से कहा, “आवेदन को कानून और उच्चतम न्यायालय की ओर से पारित आदेश के अनुसार निपटाया जाना चाहिए।” पहलवानों की ओर से पेश अधिवक्ता ने आवेदन का विरोध जताते हुए कहा कि आरोपी बहुत प्रभावशाली है। उन्होंने अदालत से अपील की, “ उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए। अगर इसकी अनुमति दी जाती है, तो कड़ी शर्तें लगाई जानी चाहिए। समय-समय पर गवाहों से संपर्क किया गया है, हालांकि, इससे कोई खतरा नहीं है।” आरोपी सांसद बृजभूषण सिंह के वकील ने अदालत से कहा कि वह सभी शर्तों का पालन करेंगे। बृजभूषण सिंह के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि कोई धमकी वगैरह नहीं होगी, कानून बहुत स्पष्ट है। उन्हें जमानत दी जानी चाहिए, मैं शर्तों का पालन करने का वचन दे रहा हूं।
पुलिस ने इस मामले में 1599 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। जिसमें आरोपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह और WFI सेक्रेटरी विनोद तोमर के खिलाफ केस की चर्चा है। इस चार्जशीट में कुल 44 गवाह हैं। चार्जशीट में कुल 108 लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं। जिनमें 15 लोगों ने पीड़ित रेसलर्स के समर्थन में बयान दिए हैं।