मध्य उत्तर प्रदेश के लगभग 19000 भट्ठे कोयला के संकट से झुलस रहे हैं। इसमें लगभग 200 भट्ठे कानपुर में हैं। देश भर के लाखों ईंट के भट्टों पर संकट आ गया है। सरकार के आदेश के बाद भी आवंटित कोयला भट्ठों को दो साल से नहीं मिल पा रहा है। हालात यह है कि महंगा कोयला भट्ठा मालिक इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। अब 30 फीसदी कोयला भी ईंटों को पकाने में नहीं लग रहा है। पहले ईंट में 80 फीसदी कोयला लगता था। डिमांड बढ़ने से एग्रो वेस्ट का संकट खड़ा हो गया है। 2.5 रुपए बिकने वाला एग्रो वेस्ट अब 4 रुपए किलो बिक रहा है।
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काले धन को सुरक्षित रख रहीं बैंक, जानिए ‘सीक्रेट लॉकर’ में कैसे सहेजा जा रहा दो नंबर का पैसा पिछले साल आया कोयला पत्थर निकला भट्ठा मालिक बताते हैं कि पिछले साल अप्रैल में पीसीएफ विभाग ने 4000 टन कोयला कोल इंडिया से मंगाया था। यह कोयला पत्थर निकला। लाखों रुपए कानपुर, अयोध्या, शाहजहांपुर आदि जिलों के कारोबारियों का एडवांस का फंस गया।
ये है संकट जनवरी में जो कोयला आठ हजार रुपए टन वाला कोयला 25 हजार हो गया। ईंट के दामों में बढोत्तरी होकर छह की जगह नौ रुपए हो गई। ये ईंटे गहरी आंच न मिलने से कमजोर होंगी। ईंट पकने में पहले होता था 80 फीसदी कोयला। अब कारोबारियों के पास 30 फीसदी भी कोयला नहीं है।
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कहीं श्रीलंका से तो नहीं आपका किस्मत कनेक्शन, जिंदगी बदलने वाले रत्नों का आयात बंद तीन गुना तक महंगा हो गया कोयला ब्रिक ओनर्स एसोसिएशन अध्यक्ष चंद्रप्रकाश श्रीवास्तव गोपी कोयला संकट बढ़ता जा रहा है। जनवरी 2022 से अब तक कोयला तीन गुना से ज्यादा महंगा हो गया। ईंट की कीमत नियंत्रित करने को एग्रोवेस्ट इस्तेमाल किया जा रहा है। सभी भट्ठा संचालकों को मवेशी का चारा या भूसा इस्तेमाल न करने की हिदायत दी गई है। कई डीएम ने संगठन को भूसा का इस्तेमाल होने पर कार्रवाई करने को लिखा है।
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यहां मंदिर के पत्थरों से टपकती बूंदें बताती हैं मानसून की भविष्यवाणी, कभी नहीं होती है गलत 7 फीसदी टैक्स के बाद 3 रुपए बढ़े दाम देशभर में ईंट के दाम बढ़ गए हैं। जीएसटी के स्लैब में बदलाव का असर ईंटों पर भी रहा। 7 फीसदी टैक्स बढ़ाने से ईंट के दाम पहले ही बढ़ गए थे। इसके बाद देश के कोयले के संकट ने ईंट की कीमत 3 रुपए से लेकर 5 रुपए तक बढ़ा दिए। आशियाना बनाना तो महंगा हुआ ही, साथ ही जिस तरह ईंट पक रही है उस तरह से घरों की दीवारें कमजोर होंगी।