बीजेपी में अपर्णा की भूमिका पर क्यों उठे सवाल
अपर्णा यादव के बीजेपी में शामिल होने के बाद से ही ये चर्चा थी कि पार्टी उन्हें मुलायम परिवार के खिलाफ खड़ा करके सियासी लाभ ले सकती है। हालांकि, अपर्णा ने स्पष्ट कर दिया था कि वह न तो मुलायम परिवार के किसी सदस्य के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी और न ही प्रचार में शामिल होंगी। इस वचन के बाद से ही बीजेपी में उनकी उपयोगिता और भूमिका पर विचार किया जा रहा था।
पहली बड़ी जिम्मेदारी
भाजपा ने अपर्णा यादव को राज्य महिला आयोग का उपाध्यक्ष बनाया है, जो उनके राजनीतिक करियर की पहली बड़ी जिम्मेदारी है। इससे पहले, उन्हें पार्टी में कोई प्रमुख भूमिका नहीं दी गई थी, जिससे उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं पर सवाल उठ रहे थे।
राजनीतिक विश्लेषण और आगे की रणनीति
भाजपा सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब समाजवादी पार्टी के खिलाफ कई मामलों में गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। अपर्णा की नियुक्ति को लेकर ऐसा माना जा रहा है कि यह भाजपा की एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा हो सकती है, खासकर तब जब सपा को महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में घेरने का प्रयास किया जा रहा है।