वर्दीधारी संगठन के लोग लंबे समय से पुलिस के समान सुविधाओं की मांग उठा रहे थे। उनका कहना है कि वन विभाग, आबकारी और परिवहन समेत कई विभागों के कर्मियों का काम भी कानून व्यवस्था से जुड़ा है। उन्हें भी कई बार जोखिम भरे हालात में ड्यूटी करनी पड़ती है।
पुलिस के समान ही कार्य संगठन का कहना है कि उनके विभागों के कर्मचारी भी पुलिस के समान जोखिम भरी ड्यूटी करते हैं। बावजूद इसके उन्हें न तो वर्दी भत्ता मिलता है और न एक माह का अतिरिक्त वेतन दिया जाता है। संगठन ने पर्वतीय इलाकों में कार्यरत कर्मियों के लिए हाई एल्टीट्यूट एलाउंस की मांग भी उठाई थी।