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लखनऊ

कैसी होती है जेल की हाई सिक्योरिटी तन्हाई बैरक, जिसमें शिफ्ट किए गए अतीक के भाई और बेटे

Atiq Ahmad: अतीक के भाई और बेटे पहले भी जेल में थे और अब भी रहेंगे। ऐसे में उनके बैरक क्यों बदले जे रहे? इससे क्या होगा?

लखनऊMar 12, 2023 / 12:37 pm

Rizwan Pundeer

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अतीक अहमद और अशरफ (बायें), दायें में बरेली जेल

प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड में इस तरह के दावे सामने आए हैं कि जेल में बंद अतीक के बेटे और भाई भी इसमें शामिल थे। ऐसे में जेल में अब इनकी बैरक बदल दी गई हैं। अतीक के भाई और बेटों की बैरक क्यों बदली गई हैं। आखिर सिक्योरिटी बैरक और साधारण बैरक में क्या फर्क होता है? बैरक बदलने से जेल में बंद अतीक के बेटों की जिंदगी पर क्या फर्क पड़ने वाला है?
जेल के अंदर बैरक किस तरह की होती हैं इसको समझने के लिए हमने उत्तर प्रदेश के एक पुलिस अफसर से बात की। जिनका नाम उनकी दरख्वास्त पर हमने छुपा लिया है। हम जो आपको बताने जा रहे हैं वो इनसे बातचीत पर ही आधारित है। सबसे पहले बैरक होती कैसी है।


फिल्मों जैसी नहीं होती हैं जेल
किसी भी मामले में जब कोई जेल जाता है तो उसको जेल प्रशासन एंट्री के बाद एक बैरक अलॉट करता है। आमतौर पर फिल्मों में दिखाया जाता है कि एक लाइन में बहुत सी बैरक बनी होती हैं और हर बैरक में एक कैदी होता है। हकीकत में जेलों में ऐसा नहीं है। जेलों में कैदियों की संख्या को देखते हुए ये मुमकिन ही नहीं है कि हर कैदी को अलग रखा जाए।
उत्तर प्रदेश के जेलों में एक मुलाहिजा बैरक (जहां नए कैदी कुछ दिन रखे जाते हैं) के अलावा मौटेतौर पर 2 तरह की बैरक होती हैं। एक हाई सिक्योरिटी बैरक और एक आम बैरक। हाई सिक्योरिटी बैरक को जेल में अमूमन तन्हाई बैरक के नाम से ही जाना जाता है। ऐसा कहने की वजह भी यही है कि यहां कैदी अकेला यानी तन्हा रहता है।

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तस्वीर प्रतीक के तौर पर इस्तेमाल की गई है IMAGE CREDIT:

आम बैरक कैसी होती है?
जेल की आम बैरक किसी बड़े बरामदे आयताकार (रेक्टेंगल) की तरह होती है। इसमें दोनों तरफ गद्दे और चटाई डालकर कैदी रहते हैं। इनमें कोई खिड़की नहीं होती है और कैदी दीवारों पर अपने थैले टांगे रखते हैं। बैरक के कोने में एक छोटा बाथरूम होता है। एक बैरक में 50 से 150 तक कैदी रहते हैं।
जेल में एक समय निर्धारित होता है। ये आमतौर पर सुबह 7 बजे से 12 बजे तक और शाम 3 बजे से 8 बजे तक का होता है। ये जेलों में अलग-अलग या समय-समय पर बदलता रहता है। इस समय कैदी अपने बैरक के बाहर निकलकर जेल परिसर में घूम सकते हैं और खेलकूद भी सकते हैं। जेल में कैदियों से मिलने आए मुलाकातियों का समय भी सुबह से दोपहर तक का ही होता है।
बैरक बंद होने पर सबको अंदर जाना होता है, जहां सभी कैदियों की हाजिरी होती है। जिसे जेल की भाषा में गिनती कहा जाता है। इसके बाद बैरक को बाहर से बंद कर दिया जाता है। आमतौर पर बैरक में कैदी साथ में बैठकर बातें करते हैं या लूडो जैसे गेम खेलते हैं। पिछले कुछ सालों में बहुत-सी जेलों की बैरकों में टीवी भी लग गए हैं तो कैदी फिल्म भी देख लेते हैं।


अब बात तन्हाई बैरक की, ये आम बैरक से कैसे अलग होती है?
आम बैरक के बाद अब तन्हाई बैरक या हाई सिक्योरिटी बैरक की बात कर लेते हैं। जैसा कि हमने आपको बताया कि जेलों में 2 तरह की बैरकें होती हैं। एक आम बैरक जिसकी बात हम कर चुके और दूसरी हाई सिक्योरिटी तन्हाई बैरक।
तन्हाई बैरक किसी साधारण कमरे की तरह होती है। इसमें उन कैदियों को रखा जाता है जो या तो बहुत खतरनाक हों और उनसे दूसरे कैदियों को खतरा हो। या फिर उनकी जान को किसी दूसरे से खतरा हो या फिर ये कोई वीआईपी कैदी हो। मसलन कोई बड़ा नेता या अधिकारी।
तन्हाई बैरक में सबसे अलग बात ये होती है कि यहां कैदी अकेला रहता है। उसे आम बैरक की तरह दूसरे कैदियों का साथ नहीं मिलता है। दूसरे उसको दूसरे कैदियों की तरह जेल परिसर में घूमने की भी इजाजत नहीं होती है। उसे ज्यादातर वक्त बैरक में ही रहना होता है।

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बरेली जेल में बंद अशरफ राजूपाल और उमेशपाल हत्याकांड में आरोपी है IMAGE CREDIT:

सिक्योरिटी रहती है बहुत टाइट

इसके अलावा तन्हाई बैरक में सिक्योरिटी भी बहुत ज्यादा रहती है। तन्हाई बैरक से बाहर निकलने पर ही कैदी को बताना पड़ता है कि वो बाहर क्यों आ रहा है? अगर कोई माकूल वजह नहीं होती तो पहरेदार उसे वापस जाने के लिए कह देते हैं।
तन्हाई बैरक के कैदी से जेल में मिलने आने वाले लोगों पर भी जेल प्रशासन की खास निगाह रहती है। तन्हाई बैरक के कैदी को खास रिश्तेदारों से ही मिलने की इजाजत दी जाती है।

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अतीक अहमद का बड़े बेटा उमर लखनऊ जेल में बंद है IMAGE CREDIT:

जेल में अब कितनी बदलेगी अतीक के भाई और बेटों की जिंदगी
दूसरे कैदियों की तरह अभी तक जिस तरह से अतीक के भाई और बेटे जेल में लगातार अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिल रहे थे। हाई सिक्योरिटी बैरक में शिफ्ट होने के बाद वो अब बंद हो जाएगा। अब परिवार के बाहर कोई मिलाई के लिए नहीं आएगा। ये लोग अब जेल में भी दूसरे कैदियों से नहीं मिल सकेंगे। जिन बंदी रक्षकों की इनके बैरक के बाहर ड्यूटी होगी, उनसे ही ये मिल सकेंगे।
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अतीक अहमद का छोटा बेटा अली, जिस पर रंगदारी मांगने का आरोप है IMAGE CREDIT:

अतीक के भाई और बेटे अलग-अलग जेलों में
अतीक अहमद के भाई, पूर्व विधायक अशरफ पर हत्या समेत दर्जनों मुकदमे हैं। अशरफ इस समय बरेली सेंट्रल जेल में बंद है। अतीक का सबसे बड़ा बेटा मोहम्मद उमर है। उमर इस वक्त लखनऊ जेल में बंद है।

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उमर से छोटा यानी अतीक का दूसरे नंबर का बेटा अली अहमद है। अली इस वक्त प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में बंद है। अतीक के तीसरे नंबर के बेटे असद पर उमेश पाल की हत्या का आरोप है और वो फरार है।

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