रामपुर और स्वार विधानसभा सीट को सपा नेता आजम खां का गढ़ माना जाता है। स्वार से पूर्व सपा विधायक अब्दुल्ला आजम को न्यायालय से दो साल के कारावास की सजा होने के कारण स्वार सीट खाली हुई है। साल 2017 और 2022 में भाजपा की एकतरफा लहर में भी आजम खां की वजह से सपा ने दोनों सीटें जीती थी।
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पिछले साल रामपुर में हुए उपचुनाव में पहली बार भाजपा ने आजम के करीबी को हराकर रामपुर सीट पर कब्जा जमाया है। आजम खां के इस्तीफे से खाली हुई रामपुर लोकसभा सीट पर भाजपा उपचुनाव में कब्जा जमा चुकी है।वहीं छानबे सीट से पूर्व विधायक स्वर्गीय राहुल प्रकाश कौल के निधन के बाद से यह सीट खाली है।प्रदेश में निकाय चुनाव भी स्वार और छानबे विधानसभा उपचुनाव के आसपास ही होंगे। राजनीतिक विशेषज्ञ का मानना है कि यदि उपचुनाव की मतगणना के बाद निकाय चुनाव के लिए मतदान हुआ तो उपचुनाव चुनाव के नतीजे आसपास के जिलों में कुछ सीटों पर निकाय चुनाव को भी प्रभावित करेंगे।
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अनुप्रिया पटेल से की जाएगी बात- प्रदेश अध्यक्ष
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी का कहना है, “स्वार और छानबे दोनों सीटें अपना दल के पास हैं। उपचुनाव में किस तरह चुनाव लड़ना है, इसको लेकर अपना दल की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल से बात की जाएगी। दोनों सीटों पर चुनाव कोई भी लड़े, लेकिन जीतेगा भाजपा गठबंधन का प्रत्याशी ही। यदि अपना दल ने भी दोनों सीटों पर चुनाव लड़ा तो भी भाजपा पूरी ताकत लगाएगी।