फर्जी शिक्षक केस : अनामिका शुक्ला के नाम पर कहीं विधवा तो कहीं बीए पास कर रही थी नौकरी, हर दिन हो रहे नये खुलासे
– परिवार का दायित्व संभाल रही है असली Anamika Shukla- जालसाजों ने Fake teachers की तैयार कर दी फौज- अनामिका शुक्ला के दस्तावेज इस्तेमाल कर दूसरों को Kasturba Gandhi Residential Schools में बना दिया शिक्षक
वर्ष 2017 में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में साइंस टीचर बनने के लिए अनामिका शुक्ला ने आवेदन भी किया था, लेकिन काउंसिलिंग नहीं करा पाई।
लखनऊ. यूपी बोर्ड से 10वीं में प्रथम श्रेणी उत्तीर्ण। वह भी 6 में से 5 सब्जेक्ट में डिक्टेंशन यानी 75 फीसदी अंक। 12वीं में फर्स्ट डिवीजन विद ऑनर्स। बीएससी फर्स्ट क्लास। बीएड में अव्वल। टीटी क्वालीफाइड। शिक्षक बनने के लिए भला और क्या चाहिए। गोंडा की अनामिका शुक्ला (Anamika Shukla) ने शिक्षिका बनने के लिए जी-तोड़ मेहनत की थी। वर्ष 2017 में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों (Kasturba Gandhi Residential Schools) में साइंस टीचर बनने के लिए उसने आवेदन भी किया था, लेकिन काउंसिलिंग नहीं करा पाई। वह आज तक बेरोजगार है और शादी के बाद घर-गृहस्थी में रम चुकी है, लेकिन जालसाजों ने अनामिका की डिग्री का इस्तेमाल कर दर्जन भर से अधिक जिलों के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों लड़कियों को नौकरी दिला दी। फर्जी अनामिकाओं ने मिलकर मानदेय के तौर पर करीब एक करोड़ रुपए का सरकार को चूना लगा दिया। मामले में पुलिस (UP Police) ने फर्जी शिक्षिका को कासगंज से गिरफ्तार किया, जो अनामिका शुक्ला बनकर बच्चों को पढ़ा रही थी। उसका असली नाम प्रिया उर्फ सुप्रिया है। पुलिस पूछताछ में बताया कि उसने एक लाख रुपए घूस देकर यह नौकरी पाई थी। वहीं, अंबेडकरनगर के केजीबीवी (Kasturba Gandhi Balika Vidyalay) में एक विधवा महिला अविवाहित अनामिका के नाम से शिक्षण कार्य कर रही थी। खुलासे के बाद से वह फरार है। अब तक नौ स्कूलों में फर्जीवाड़ा सामने आया है। शासन की तरफ से मामले में जांच बिठा दी गई है।
फर्जीवाड़े की जानकारी होने पर मंगलवार को असली अनामिका शुक्ला गोंडा के बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ इंद्रजीत प्रजापति के सामने आई और अपने दस्तावेज पेश किये। बीएसए ने मिलान किया तो सच सामने आया। अनामिका ने बताया कि फर्जीवाड़े में जो टीसी सोशल मीडिया पर वायरल हुई उसमें अपना पता देखा तो पता चला कि मेरी डिग्री पर ही तमाम जिलों में कई शिक्षिकाएं नौकरी कर रही है। बीएसए ने पूरी रिपोर्ट शासन को भेज दी है।
डिलीवरी के चलते अनामिका नहीं करा सकी थी काउंसिलिंग गोंडा के कमरावा में भुलईडीह गांव की रहने वाली अनामिका शुक्ला ने कहा कि 2017 में उन्होंने कस्तूरबा आवासीय बालिका विद्यालय में साइंस टीचर के लिए आवेदन किया था। उन्हें लगता है कि किसी ने वहीं से उनके दस्तावेज के साथ छेड़छाड़ की और ये पूरा फर्जीवाड़ा किया। कहा कि साइंस टीचर के लिए सुल्तानपुर, जौनपुर, बस्ती, मिर्जापुर और लखनऊ में आवेदन किया था, लेकिन डिलीवरी के चलते वह काउंसिलिंग नहीं करा सकी। अब सरकार से निवेदन है कि वह दोषियों को पकड़े और मेरे साथ न्याय करे।
अनामिका शुक्ला प्रकरण में राजनीति शुरू कोरोना संकट के बीच देश-प्रदेश ही नहीं विदेशों में योगी सरकार का डंका बज रहा है, लेकिन अचानक सुर्खियों में आईं अनामिकाओं ने रंग में भंग कर दिया। शिक्षा विभाग के कारनामों ने सरकार को बैकफुट धकेल दिया तो वहीं, सुस्त पड़े विपक्ष को एक बड़ा मुद्दा मिल गया। सपा, बसपा और कांग्रेस सहित प्रमुख विपक्षी दल मामले में सरकार को घेर रहे हैं। यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सतीश द्विवेदी ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने बताया कि अनामिका शुक्ला के 25 स्कूलों में कार्यरत होने और उन्हें एक करोड़ रुपये वेतन का भुगतान होने की बात सामने आई है। जांच सामने आया है कि फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल कर वाराणसी, अलीगढ़, कासगंज, अमेठी, रायबरेली, प्रयागराज, सहारनपुर और अंबेडकरनगर सहित कई जगह पर अन्य लोगों ने नौकरी हासिल की है, जिनमें से कइयों ने जॉइन नहीं किया। अनामिका शुक्ला के दस्तावेज पर 6 विद्यालयों में नियुक्त हुई शिक्षिकाओं को 12 लाख 24 हजार 700 रुपये का भुगतान हुआ है।