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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने सूबे की सत्ता पर काबिज होते ही किसानों का कर्ज को माफ़ करने का फैसला लिया था। इसके बाद से वह लगातार किसानों की आय में इजाफा करने के फैसले ले रहे हैं। इसी क्रम में बीते साल उन्होंने फल-सब्जियों के निर्यात को सुगम बनाने के लिए प्रदेश के दस जिलों में इंटीग्रेटेड पैक हाउस बनाने का निर्णय लिया गया था। एपीडा (एग्रीकल्चर एण्ड प्रोसेस फूड एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी) ने इनको बनाने के लिए आर्थिक सहयोग देने का ऐलान भी किया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल बाद शुरू हुई इस कवायद के तहत प्रदेश के ऐसे जिले जहां फल या सब्जी का बहुतायत में उत्पादन होता है, उनमें इंटीग्रेटेड पैक हाउस बनाने के लिए राज्य मंडी परिषद आगे आया। मंडी परिषद में पहले चरण में वाराणसी और अमरोहा में इंटीग्रेटेड पैक हाउस बनाने के लिए बजट की स्वीकृति किया। वाराणसी में इंटीग्रेटेड पैक हाउस बनाने के लिए 1559.185 लाख रुपए तथा अमरोना में इंटीग्रेटेड पैक हाउस बनाने के लिए 1442.55 लाख रुपए बीते साल जारी किए गए।
कई गुना बढ़ेगी किसानों की आय वाराणसी के इंटीग्रेटेड पैक हाउस से मिर्जापुर, सोनभद्र, प्रयागराज, आजमगढ़, जौनपुर, गाजीपुर, मऊ, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, गोरखपुर, अंबेडकरनगर, देवरिया और कौशांबी के किसान जुड़ेंगे और अपने फल तथा सब्जी इंटीग्रेटेड पैक हाउस के जरिए देश तथा विदेश में भेज सकेंगे। जबकि अमरोहा के इंटीग्रेटेड पैक हाउस के जरिए के जरिए मुरादाबाद, बिजनौर, रामपुर, बरेली, संभल और हापुड़ के किसान अपने खेत में उगाई सब्जी तथा फल देश और विदेश में भेज सकेंगे। अधिकारियों के अनुसार, अमरोहा में करीब 12 हजार हेक्टेयर भूमि पर आम के बाग हैं। जिले की कुल पैदावार में से करीब दो हजार मीट्रिक टन आम दूसरे राज्यों व विदेश में भेजा जाता है। खाड़ी देशों में अमरोहा का आम खूब पसंद किया जाता है। इसी प्रकार वाराणसी के लंगड़ा आम को दुनियाभर में पसंद किया जाता है। वर्ष 2018-19 में उत्तर प्रदेश से 277.98 करोड़ रुपये के फल और सब्जी का निर्यात हुआ था। बीते साल भी वाराणसी तथा उसके आसपास के जिलों से कई टन भिंडी, हरी मिर्च, लौकी, तोरई, बैगन तथा मूली लन्दन, इटली, जर्मनी और दुबई भेजी गईं। अधिकारियों का कहना है कि इंटीग्रेटेड पैक हाउस बनने के बाद किसानों की आय में कई गुना इजाफा होगा।
आधुनिक तकनीक से लैस होंगे इंटीग्रेटेड पैक हाउस अधिकारियों के अनुसार, वाराणसी और अमरोहा में बनाए जा रहे इंटीग्रेटेड पैक हाउस आधुनिक तकनीक से लैस होंगे। इनमें एमआरएल टेस्ट मशीनें लगी होंगी। एमआरएल टेस्ट मशीनों से यह पता चलता है कि किसी कृषि उत्पाद को पैदा करने में कितने रसायनों प्रयोग किया गया है। इंटीग्रेटेड पैक हाउस से इसके बारे में प्रमाण पत्र जारी होने के बाद ही कृषि उत्पादों का निर्यात सम्भव हो पाता है। इंटीग्रेटेड पैक हाउस के जरिए आम, आंवला, बेर, भिंड्डी, हरी मिर्च, करेला, लौकी, बैगन, मटर, गोभी, गाजर, खीरा, ग्वार फली, सिंघाड़ा, चुकंदर आदि फल एवं सब्जियों का निर्यात किया जा सकेगा। दुबई, शारजाह, दोहा, कुवैत, ओमान, ईरान, इराक, कतर, बहरीन, यूके, मलेशिया, इटली, जर्मनी, रूस, जापान तथा अन्य यूरोपीय देशों को इन पैक हाउस से साल भर फल और सब्जी भेजी जा सकेंगी। वाराणसी और अमरोहा के अलावा प्रतापगढ़, बरेली, गोरखपुर, प्रयागराज, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर, अयोध्या, झांसी, अलीगढ़ में भी जल्दी ही इंटीग्रेटेड पैक हाउस बनाए जाएंगे।