गोरखपुर से मुहिम की शुरुआत- कपड़े और माउथ फ्रेशनर्स बनाने वाली कंपनी शुद्ध प्लस ने महिलाओं के लिए एक खास तरह की सेनेटरी नैपकिन (NIINE) बनाई है। इसके साथ ही कंपनी ने महिलाओं के सुविधा के लिए उनके पीरियड्स से जुड़ा एक खास ऐप भी डेवेलप किया है। कंपनी के मालिक अमर तुलसियान ने बताया कि अपने आप में यह अलग तरह का ऐप है। इनके मुताबिक हाईजीन प्रोडक्ट्स की यह कंपनी गोरखपुर में एक विनिर्माण इकाई स्थापित कर चुका है जहां से मई 2018 से ही यूपी, बिहार, झारखंड, बंगाल में ‘sanitary Niine’ ब्रांड के सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से महिलाओं के स्वच्छता और उनके स्वास्थ्य से जुड़ा यह अभियान शुरू किया जा रहा है।
पहला पीरियड ट्रैकर ऐप हुआ लॉन्च- हाल ही में नाइन सैनिटरी नैपकिन ने पहला पीरियड ट्रैकर ऐप लॉन्च किया है, जो महिलाओं के मासिक धर्म से संबंधित सभी जानकारी प्रदान करता है। साथ ही महिला उपयोगकर्ताओं को उनके मासिक धर्म स्वास्थ्य के बारे में भी सही दिशा निर्देश देता है। यह ऐप हिंदी व अंग्रेजी दोनों में उपलब्ध है और कंपनी पूरे देश में बड़े पैमाने पर इस ऐप को बढ़ावा देने की योजना बना रही है। इसके अलावा, NIINE मासिक धर्म स्वास्थ्य के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए नाइन आंदोलन (NIINE movement) के नाम से एक अभियान भी चला रहा है जिसे अक्षय कुमार समेत कई प्रसिद्ध हस्तियों का समर्थन मिल रहा है।
अभियान का यह है मकसद- नाइन आंदोलन के जरिए मासिक धर्म से जुड़ी उन 18 प्रतिक्षत महिलाओं के बीच की दूरियों को मिटाया जाएगा, जो सैनिटरी नैपकिन का उपयोग करती हैं। साथ ही मासिक धर्म से जुड़ी उन 82 प्रतिशत महिलाओं को भी टारगेट किया जाएगा जो अस्वच्छ व असुरक्षित चीजें जैसे पुराने कपड़े, लत्ता, घास और यहां तक कि राख का इस्तेमाल पीरियड्स के दौरान करती हैं। इससे तमाम बीमारियों पैदा होती हैं।
अक्षय कुमार दिखाएंगे इस अभियान को हरी झंडी- कंपनी के निदेशकों ने बताया कि ‘पैड मैन’ अभिनेता और नाइन मूवमेंट के चेहरे अक्षय कुमार लखनऊ में रन 4 नाइन कैंपेन को हरी झंडी दिखाएंगे। इस अनूठे राष्ट्रव्यापी अभियान को शुरू करने के अलावा अक्षय एक विशेष कार्यक्रम का भी हिस्सा होंगे, जहां मेहमानों के मनोरंजन के साथ-साथ मासिक धर्म स्वच्छता जागरूकता के महत्व के बारे में बात होगी। अक्षय कुमार ने इससे जुड़े एक बयान में कहा था कि जब मैंने फिल्म पैड मैन बनाई, तो मैं चाहता था कि इसे एक वार्तालाप में तब्दील किया जाए, लेकिन आज, एक साल बाद, मैं गर्व से कह सकता हूं कि वास्तव में जमीनी स्तर पर यह एक अभूतपूर्व आंदोलन बन गया है।