गौर करने वाली बात यह है कि विधायकों की संख्या के हिसाब से सपा 3 MLC की सीटें जीत सकती है। जबकि 10 सीटें भाजपा के खाते में जानी तय दिख रही है। लेकिन राज्यसभा चुनाव में सपा विधायकों ने जिस तरह से पाला बदला और क्रॉस वोटिंग की उससे समाजवादी पार्टी एक बार फिर कहीं न कहीं असमंजस की स्थिति में है।सूत्रों की मानें तो उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव में सपा यूपी प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, बलराम यादव और गुड्डू जमाली को टिकट दे सकती है।
जानकारी के लिए बता दें कि राज्यसभा चुनाव में भाजपा ने तीसरा कैंडिडेट उतारकर लड़ाई को रोमांचक बना दिया था। और सपा के खाते से तीसरी सीट झटक भी लिया था। अब ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या विधान परिषद चुनाव में भी भाजपा अपना 11वां कैंडिडेट मैदान में उतारेगी और प्रदेश के राजनीतिक का तापमान बढ़ा देगी।
समाजवादी पार्टी के समीकरणों पर नजर डालें तो गुड्डू जमाली पिछले ही महीने बसपा छोड़ सपा में शामिल हुए हैं। गुड्डू जमाली वही शख्स हैं जिनके चुनाव लड़ने की वजह से 2022 आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में सपा को हार झेलनी पड़ी थ। वहीं बलराम यादव भी आजमगढ़ से हैं और वह मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। बलराम यादव के बेटे संग्राम यादव भी सपा से विधायक हैं।
यूपी के जिन 13 एमएलसी का खत्म हो रहा है। उसमें 10 सदस्य बीजेपी, एक सदस्य अनुप्रिया पटेल के अपना दल का, एक सपा और एक बसपा का है।विधान परिषद के चुनाव में विधानसभा के सदस्य मतदान करते हैं। MLC की 13 सीटों पर हो रहे चुनाव में एक सीट के लिए 29 विधायकों का वोट चाहिए। इस लिहाज से देखा जाए तो भाजपा 10 और सपा 3 सीटें जीत सकती है।
यूपी में भाजपा के पास 252, अपना दल के 13, RLD के 9, निषाद पार्टी के 6 , सुभासपा के 6 और राजा भैया के पार्टी के दो विधायकों का समर्थन है। इस तरह से कुल मिलाकर बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए (NDA) के पास 288 विधायक हो रहे हैं। तो वहीं समाजवादी के पास 108 विधायक और कांग्रेस के पास 2 विधायक हैं। इस तरह सपा को 110 विधायक का समर्थन मिलता हुआ दिख रहा है। लेकिन जिस तरह राज्यसभा चुनाव 2024 में क्रॉस वोटिंग हुई है। उसके चलते समाजवादी पार्टी को अपने ही विधायकों के पूरे वोट मिल भी पाएंगे या नहीं इसको लेकर पार्टी में संशय की स्थिति बनी हुई है। सपा मुखिया अखिलेश यादव रणनीति बनाने में लगे हैं कि किस तरह से अपने ही विधायक को क्रॉस वोटिंग करने से रोका जा सके।