अदिति सिंह गांधी जयंती के वक्त से ही कांग्रेस से कटी-कटी नजर आ रही हैं। कांग्रेस की महासचिव के कार्यक्रम के ऊपर उन्होंने विधानसभा के विशेष सत्र को तवज्जों दी। तभी से कांग्रेस में उन्हें लेकर उथल-पुथल मची हुई थी। योगी सरकार द्वारी अदिति को मिली वाई श्रेणी की सुरक्षा ने आग में घी डालने का काम किया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने उन्हें सत्र में शामिल होकर कांग्रेस की अवहेलना करने पर कारण बताओ नोटिस दिया गया। वहीं प्रियंका गांधी मंगलवार से रायबरेली के तीन दिवसीय दौरे पर हैं, यहां पर कांग्रेस की तीन दिवसीय पाठशाला का आयोजन किया गया जा रहा है। अदिति सिंह इसमें भी नदारद दिख रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अखिलेश सिंह के निधन के बाद उनकी विधायक बेटी अदिति सिंह को अपने राजनीतिक करियर की चिंता सता रही है। अखिलेश सिंह रहते जिले में लोग उनको मानते थे। जिले में उनका दबदबा था। लेकिन निधन के बाद उनके धुर-विरोधी खुलकर सामने आ रहे हैं, जो नहीं चाहते अदिति सिंह राजनीति में आगे बढ़े। अदिति सिंह इस बात को भली-भांति समझती हैं और ऐसे में संभवतः वह भाजपा में अपना भविष्य देख रही हैं।