आधार कार्ड का कमाल आश्रय गृह में रहने वाली मनु का जब आधार कार्ड बनावा जा रहा था तब उसकी उंगलियों के निशान को सॉफ्टवेयर खारिज कर दे रहा था। जब उसकी जांच हुई तो पता चला कि, यह फिंगरप्रिंट लुधियाना के रामनगर से रेशमी के नाम के डेटाबेस में पहले से मौजूद थी। तो अधिकारी सकपकाए। उन्हें अंधेरे में एक रौशनी दिखी। लुधियाना में क्षेत्रीय आधार कार्यालय से संपर्क किया और एक पुष्टि प्राप्त की थी कि रेशमी की उंगलियों के निशान राम नगर इलाके में डेटा से मेल खाते हैं।
लुधियाना में मिले खोए मां-बाप केंद्र के अधिकारी ने लड़की के माता-पिता को ट्रैक करने के लिए लुधियाना में अधिकारियों से संपर्क किया। अधिकारियों ने उसके माता-पिता को ढूंढ निकाला। फिर क्या था मनु जो असल में रेशमी थी मंगलवार को अपने माता-पिता मिल गई। खुशी की दमक उसके चेहरे पर झलकने लगी थी।
लावारिस बच्चों का भी बनाया जा रहा है आधार कार्ड राजकीय बालिका गृह अधीक्षक उर्मिला गुप्ता ने बताया कि, महिला कल्याण निदेशालय के आदेशानुसार लावारिस बच्चों का आधार कार्ड बनवाना शुरू कर दिया है। जिसका फायदा इस रुप में मिल गया।
खुशी से झूमी मनु उर्मिला गुप्ता ने कहा, रेशमी के पिता शंकर राय, मां बिंदु देवी, भाई मित्ररंजन और मौसी शबनम शहर पहुंचे। रेशमी को देखकर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। बालिका, जिसका नाम आश्रय गृह ने मनु रखा था, अपने परिवार से मिल कर भी उतनी ही खुश थी।