जानकारी के अनुसार इस मैकेनिज्म को लागू करने के लिए रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया ने प्रदेश सरकारों से भी बातचीत कर रही है। अब मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए परिजनों को मृतक का आधार कार्ड संख्या बताना आवश्यक होगा। UIDAI ने जन्म प्रमाण पत्र जारी करते समय आधार बनाने की भी स्कीम लागू कर दी है। अब तक 20 प्रदेशों ने इस मैकेनिज्म को अपना लिया हैं। आगामी दिनों में दूसरे राज्यों की भी इस मैकेनिज्म को अपनाने की उम्मीद है। ये फैसिलिटी आधार 2.0 का पार्ट हैं। आधार 2.0 के तहत सरकार इसकी क्रेडिबिलिटी बढ़ाने के साथ-साथ नए फीचर्स को भी डेवेलप कर रही है।
कई मीडिया रिपोर्ट्स ने यह दावा किया है कि मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किए जाने के बाद मृतक के परिवार को आधार नंबर रद्द करने के लिए डाक्यूमेंट भेजे जाएंगे । परिवार की स्वीकृति मिलते ही आधार नंबर को बंद कर दिया जाएगा। परिवार को मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के बाद मृतक का आधार नंबर दिखाना आवश्यक होगा। यह मैकेनिज्म सभी प्रदेश सरकारों को अपनाना है इसलिए उनसे भी इस सिलसिले में बातचीत की जा रही है।
बर्थ और डेथ सर्टीफिकेट रजिस्ट्रार और UDAI के बीच मृत्यु के बाद आधार नंबर लेने की प्रक्रिया लागू हो जाती है तो उसका गलत प्रयोग नहीं किया जा सकेगा।