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लखनऊ

चीन को करारा जवाब:मात्र 70 हजार रुपये में करें कैलास पर्वत के दर्शन

Visiting the Holy Mount Kailash from India:पवित्र कैलास मानसरोवर पर्वत के दर्शन की इच्छा रखने वाले श्रद्धालुओं के लिए बड़ी खबर है। अब श्रद्धालु चीन जाए बगैर भारत से ही कैलास पर्वत के दर्शन कर पाएंगे। इतना ही नहीं कैलास पर्वत दर्शन यात्रा में खर्च भी महज 70-75 हजार रुपये आएगा। इसी माह से ये यात्रा शुरू होने जा रही है।

लखनऊSep 20, 2024 / 07:47 am

Naveen Bhatt

Now devotees will be able to see the holy Mount Kailash from India itself

भारत से पवित्र कैलास पर्वत दर्शन यात्रा इसी माह से शुरू हो रही है

Visiting the Holy Mount Kailash from India:चालबाज चीन ने करीब छह साल से भारतीय श्रद्धालुओं के कैलास पर्वत जाने के वीजा पर रोक लगा रही है। इसी के चलते शिवभक्त कैलास पर्वत के दर्शन नहीं कर पा रहे थे। लेकिन अब शिव भक्तों की मनोकामना कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) के माध्यम से जल्द ही पूरी होने वाली है। केएमवीएन सितंबर के अंतिम सप्ताह से पायलट प्रोजेक्ट के तहत यात्रा शुरू करने जा रहा है। पहले चरण में 60 यात्रियों को पिथौरागढ़ के ओल्ड लिपुलेख दर्रे से कैलास पर्वत के दर्शन कराए जाएंगे। निजी कंपनी के हेलीकॉप्टर से चार दिन की यात्रा के लिए प्रति यात्री करीब 70-75 हजार रुपये खर्च होंगे। इससे शिव भक्तों में खुशी का माहौल है।

चार दिन की होगी यात्रा

केएमवीएन कैलास पर्वत दर्शन यात्रा 22 अक्तूबर तक चलाएगा। पहले चरण में 15-15 यात्रियों के चार दल शामिल किए जाएंगे। सभी यात्रियों को पिथौरागढ़ पहुंचना होगा। दूसरे दिन यात्री पिथौरागढ़ से हेली सेवा के जरिए गुंजी जाएंगे। तीसरे दिन यात्री केएमवीएन के वाहनों से गुंजी से नाभीढांग जाएंगे, जहां से ओम पर्वत के दर्शन कराए जाएंगे। नाभीढांग से यात्री ओल्ड लिपुलेख पास के करीब आठ किमी के ट्रैक से व्यू प्वाइंट तक जाएंगे। जिस पर सेना और आईटीबीपी की नजर रहेगी। यहां से कैलास मानसरोवर पर्वत के दर्शन होंगे।चौथे और अंतिम दिन इन सभी को गुंजी से हेलीकॉप्टर के जरिए वापस पिथौरागढ़ लाया जाएगा।

पहले चरण में 60 यात्री करेंगे दर्शन

कैलास पर्वत दर्शन यात्रा उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूपीडीपी) की ओर से कराई जाती है। इसका नोडल केएमवीएन को बनाया गया है। जानकारी के अनुसार ट्रायल के तौर पर पहले चरण में केवल 60 श्रद्धालुओं को यात्रा कराई जाएगी। यदि सब ठीक रहा तो अगले साल से यात्रियों की संख्या बढ़ाई जाएगी। पूर्व में ये यात्रा 15 सितंबर से प्रस्तावित थी, लेकिन मौसम खराब होने की वजह से इसे 25 सितंबर से शुरू करने का फैसला लिया गया है।

55 से कम उम्र वाले कर सकेंगे यात्रा

इस यात्रा को करवाने के लिए केएमवीएन प्राइवेट कंपनी हेरिटेज एयरवेज के हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करेगा। एक दल में 15 यात्री भेजे जाएंगे। ऊंचाई और स्वास्थ्य कारणों को देखते हुए फैसला लिया गया है कि केवल 55 साल की उम्र तक वाले लोगों को ही यात्रा की अनुमति दी जाएगी। यात्रा से पहले स्वास्थ्य की जांच होगी। स्वास्थ्य जांच में फिट होने पर ही संबंधित श्रद्धालु को यात्रा कराई जाएगी।
चाजबाज चीन को तमाचा
चीन ने भारतीय श्रद्धालुओं के कैलास मानसरोवर दर्शन के लिए वीजा पर करीब छह साल से रोक लगा रखी है। ऐसे में भारतीय श्रद्धालु कैलास दर्शन नहीं कर पा रहे हैं। भारत सरकार ने उत्तराखंड के ओल्ड लिपुलेख दर्रे से भारतीय श्रद्धालुओं के लिए कैलास पर्वत दर्शन की योजना तैयार की है।केएवीएन के एमडी विनीत तोमर के मुताबिक पायलट प्रोजेक्ट के तहत श्रद्धालुओं को ये यात्रा कराई जाएगी। निजी कंपनी के हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया जाएगा। यात्रा पैकेज की अनुमानित कीमत करीब 70 से 75 हजार रुपये तक रहेगा

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