पुलिस विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अंडरवर्ल्ड डॉन शकील के करीबी कुलविंदर सिंह के सहयोग से दंपत्ति ने प्रशांत की पावर ट्रांसमिशन कंपनी के डायरेक्टर बन गए जिसके बाद प्रशांत सिंह को शिकार बनाते हुए ₹72 करोड़ का गबन किया। धोखाधड़ी करने से पहले आरोपी दंपत्ति ने प्रशांत की कंपनी में डायरेक्टर के पद पर तैनात थे। धोखाधड़ी के खुलासे के बाद प्रशांत सिंह ने गोमती नगर थाने में आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
पुलिस ने बताया कि प्रशांत की कंपनी के निर्माण के वंदना यादव ने कंपनी को डायरेक्टर के तौर पर जुड़ी थी। वंदना के साथ उसका पति विवेक भी कंपनी में शेरहोल्डर बन गया। दोनों ने मिलकर बाद में सीए तुषार नागर को भी कंपनी में जोड़ा। प्रशांत का विश्वास जीतने के बाद आरोपी दंपत्ति ने विनोद सिंह, मनोज कुमार सिंह व कुलविंदर को कंपनी में बिना प्रशांत की जानकारी के शेरहोल्डर बना लिया। शुरुआती दौर में प्रशांत का विश्वास जीतने के लिए वंदना ने कंपनी में ₹28 लाख का निवेश किया। जिसके बद वंदना ने पति के साथ मिलकर दस्तावेजो में हेरफेर कर कंपनी को ₹72 करोड़ रुपये का जूना लगा दिया।
कंपनी के डायरेक्टर के तौर पर वंदना ने करोड़ों रुपए का लोन प्रशांत की जानकारी के बगैर कई लोगों को दिया। इस दौरान वंदना ने अंडरवर्ल्ड माफिया छोटा राजन की करीबी बताए जाने वाले कुलविंदर सिंह को 6 करोड़ पर बंगला खरीदने के लिए दिए। इसके बाद प्रशांत को यह पता चला कि आरोपी दंपत्ति के अंडरवर्ल्ड डॉन कुलविंदर से रिश्ते हैं।