लखनऊ में दुकान के नाम पर बनाया गया होटल माया कुर्क होगा, जानिए सख्त कार्रवाई की वजह?
सर्वेक्षण में मानकों की अनदेखी का खुलासा होने पर सभी को नोटिस भेजा गया। इसमें जिला पंचायत ने कहा कि बिल्डरों को पहले मानक पूरे करने होंगे। इसके बाद प्लॉट बेच सकेंगे। जिला पंचायत की ओर से नोटिस भेजने के बाद करीब 15 बिल्डर सामने आए। इन लोगों ने कुल धनराशि का 20 फीसदी शुल्क नक्शा पास कराने के लिए जमा कर दिया है। जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी प्रवण पाण्डेय ने बताया कि नोटिस जाने के बाद एक करोड़ 15 लाख 22 हजार रुपये के करीब शुल्क जमा हो चुका है। इसके बावजूद जब तक मानक पूरे नहीं हो जाते, तब तक प्लॉट, फार्म हाउस आदि की बिक्री नहीं कर सकेंगे।कहानी हेमवती नंदन बहुगुणा की, जिन्हें आज सीएम योगी ने दी श्रद्घांजलि
इन बिल्डरों ने जमा किया शुल्कजिन डेढ़ दर्जन बिल्डरों ने शुल्क जमा किया उनमें हाउसस्टोन बिल्डटेक बीकेटी, पद्मजा इंफ्राबिल्ड कनकहा मोहनलालगंज शामिल हैं। इनके अलावा पद्मजा इंफ्राबिल्ड रायमानखेड़ा, वेस्टर्न इन्फ्राटैक लखपेड़ा गोसाईंगंज, मातृभूमि, साईं इंटरप्राइजेस जौखंडी गोसाईंगंज, धरा इन्फ्रा जमालपुर मोहनलालगंज, वसुंधरा, फुहार इंफ्रावेंचन मीनापुर, रुद्रा साईं मोहनलालगंज, त्रिपोली मॉन्टेसरी स्कूल गोसाईंगंज, सिलीकॉन वैली गोसाईंगंज के नाम भी शामिल हैं।