इसके अलावा संस्कृत की पढ़ाई करवाने वाले सभी संस्थान निजी तौर पर चलाए जा रहे हैं। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक ये है कि वह नए इंटरमीडिएट लेवल के संस्कृत स्कूलों को राज्यभर में खोले। राज्य सरकार से मंजूरी मिलने के बाद, राज्य शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों ने औपचारिक रूप से इन नए संस्कृत स्कूलों के निर्माण के लिए पैसे का अनुरोध किया है।
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इन शहरों को धार्मिक केंद्रों के तौर पर किया जा रहा विकसितयोगी सरकार प्रदेश में संस्कृत स्कूलों को खोलने के लिए 2023-24 के बजट में 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि सरकार गोरखपुर, प्रयागराज, अयोध्या, चित्रकूट और मथुरा में इंटरमीडिएट लेवल के सरकारी संस्कृत सेकेंडरी स्कूलों को खोलने की तैयारी भी कर रही है। इन शहरों को प्रमुख धार्मिक केंद्रों के तौर पर विकसित किया जा रहा है।
स्कॉलरशिप देने के लिए 10 करोड़ रुपए का किए आवंटित
इससे पहले 22 मार्च को प्रिंसिपल सेक्रेटरी दीपक कुमार ने इन पांच जिलों के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को एक चिट्ठी लिखी थी। इसमें इन पांच स्कूलों को निर्माण के लिए तीन एकड़ जमीन होने को लेकर जानकारी मांगी गई। इसके बाद राज्य सरकार ने 2023-24 के बजट में यूपी में संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों को स्कॉलरशिप देने के लिए 10 करोड़ रुपए आवंटित किए।