World Saree Day: जानिए भारत की 5 सबसे महंगी और खास साड़ियों के बारे में
World Saree Day: हर साल 21 दिसंबर को वर्ल्ड साड़ी डे के तौर पर मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस खास मौके पर भारत की सबसे खूबसूरत और महंगी साड़ियों के खासियत के बारे में।
World Saree Day: साड़ी भारतीय परंपरा का एक ऐसा अमूल्य हिस्सा है, जो सदियों से हमारी संस्कृति और विरासत को सहेजे हुए है। आज भले फैशन जगत में वेस्टर्न और डिजाइनर ड्रेसेस का कितना भी बोलबाला क्यों न हो, लेकिन साड़ी की अहमियत कभी खत्म नहीं हो सकती। साड़ियों के मामले में भारत का नाम पूरी दुनिया में अपनी विविधता और खूबसूरती के लिए जाना जाता है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि भारत में कुछ साड़ियां इतनी खास और महंगी होती हैं, जिनकी कीमत लाखों में होती है?
हर साल 21 दिसंबर को वर्ल्ड साड़ी डे (World Saree Day) के रूप में मनाया जाता है। आइए जानते हैं वर्ल्ड साड़ी डे के खास दिन पर भारत की उन 5 सबसे महंगी और खूबसूरत साड़ी के बारे में जो अपनी खासियत से दुनिया भर में जानी जाती है।
1. असम की मूंगा सिल्क साड़ी
असम की मूंगा सिल्क साड़ी (Munga Silk Saree) भारत की सबसे महंगी और खास साड़ियों में से एक है। इसे बनाने में इस्तेमाल होने वाला मूंगा सिल्क असम की धरोहर है। यह साड़ी अपनी अनोखी बनावट और पीले व सुनहरे रंग के चमकीले टेक्सचर के लिए प्रसिद्ध है। मूंगा सिल्क की सबसे खास बात यह है कि समय के साथ और भी ज्यादा चमकदार और खूबसूरत हो जाती है।
खासियत: इस साड़ी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे बनाने के लिये जिस रेशमी कीड़ों का उपयोग किया जाता है। उसे मारा नहीं जाता, इसलिये ये जितनी ज्यादा पुरानी होती है उतनी ही ज्यादा इनकी चमक बढ़ती जाती है।
इसकी और एक खासियत है कि इस पर किसी तरह की कढ़ाई आसानी से की जा सकती है। जैसा कि इसके ऊपर पीले रंग की खूबसूरत परत चढ़ी होती है इसलिए इसे किसी तरह के डाई की जरूरत नहीं पड़ती है, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो किसी डाई का इस्तेमाल करने में भी कोई हर्ज नहीं होता है।
कीमत इस साड़ी की कीमत 5000 रुपये से शुरू होकर 2 लाख रुपये तक जाती है।
2. गुजरात की पाटन पटोला साड़ी
गुजरात के पाटन शहर में बनने वाली पटोला साड़ी (Patan Patola Saree) भारतीय शिल्पकला का यूनिक उदाहरण है। इस साड़ी को तैयार करने में महीनों का समय लगता है और हर साड़ी को बनाने में डबल इकत तकनीक का इस्तेमाल होता है। यह साड़ी पूरी तरह से हाथ से तैयार की जाती है, जिससे हर साड़ी अपने आप में एक मास्टरपीस बन जाती है।
खासियत: इसका हर डिजाइन और पैटर्न बेहद काम्प्लेक्स और बारीकी से तैयार किया जाता है। इस साड़ी को पहनने वाली महिलायें किसी राजकुमारी से कम नहीं लगती हैं। कीमत: पाटन पटोला साड़ी की कीमत 3000 रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक होती है।
बनारसी सिल्क की बात हो और कडवा कटवर्क साड़ी (Kadwa Cutwork Saree) का नाम न आए यह नामुमकिन है। यह भारत की सबसे महंगी साड़ियों में से एक है। इसे बनाने में महीनों लगते हैं और इसे बनाने में दो या उससे अधिक कारीगर एक साथ काम करते हैं। हर कडवा कटवर्क साड़ी ऑर्डर के मुताबिक ही तैयार की जाती है, जिससे यह और भी खास बन जाती है।
खासियत: हर साड़ी में पेचीदा कटवर्क डिजाइन होता है, जो इसे अनूठा बनाता है। कटवर्क साड़ी परंपरा और आधुनिकता का बेहतरीन मेल है। कीमत: इस साड़ी की कीमत 5000 रुपये से शुरू होकर 5 लाख रुपये तक जाती है।
तमिलनाडु की कांजीवरम साड़ी (Kanjivaram Saree) भारतीय महिलाओं की पहचान बन चुकी है। इसकी खासियत इसके शुद्ध रेशम और जरी के धागों से तैयार होने में है। कांजीवरम साड़ियों के डिजाइन पारंपरिक मंदिरों, प्राकृतिक दृश्य और अन्य सांस्कृतिक चीजों से इंस्पायर्ड होते हैं।
खासियत: इसका चमकदार और टिकाऊ रेशम इसे बाकी साड़ियों से अलग बनाता है। यह हर खास मौके पर पहनने के लिए एक परफेक्ट ऑप्शन है। कीमत: कांजीवरम साड़ी की कीमत 12000 रुपये से शुरू होकर 5 लाख रुपये तक जाती है।
बनारसी साड़ी (Banarasi Saree) भारतीय शिल्पकला और परंपरा का प्रतीक है। बनारस के कुशल कारीगरों द्वारा तैयार की गई यह साड़ी सोने और चांदी की जरी के काम के लिए प्रसिद्ध है। बनारसी साड़ी अपनी चार वैरायटी जो शुद्ध रेशम, ऑर्गेना, जॉर्जेट और शतीर के लिए फेमस रहती हैं।
खासियत: इसमें पेचीदा जरी वर्क और बारीकी से बुने गए पैटर्न इस साड़ी को खूबसूरत बनाते हैं। यह साड़ी भारतीय शादियों और त्योहारों के लिए सबकी पहली पसंद होती हैं। कीमत: इस साड़ी की कीमत 4000 रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक होती है।