Speak : जब किसी करीबी दोस्त या रिश्तेदार की डेथ होती है तो अक्सर हम खुद को भावनाओं में कैद कर लेते हैं। ऐसे में अपने विचार से घिरे रहने की बजाय दूसरों से बात करें। जाने वाले को याद करें, उनके बारे में अपने दोस्त, रिश्तेदार, शुभचिंतक से बात करें।
Support system : किसी अपने की देहांत के बाद अकेले ना रहें। आस-पास के लोग और दोस्तों को अपना सपोर्ट सिस्टम बनाएं और आप उनका स्पोर्ट सिस्टम बनें। तकलीफ का सामना करना जरूरी है। ऐसा करने से किसी के जाने से हुए लॉस का एहसास कम होता है। उनके बारे में बात करके, उनकी बातें याद करके दिल को आराम मिलता है। दिल के घाव भरने लगते है।
Accept feelings : अपनी भावनाओं और इमोशंस से दूर भागने की बजाय उनका सामना करें। उन्हें एक्सेप्ट करें। बुरा फील होता है जब कोई अपना हमसे हमेशा के लिए दूर चला जाता है। आपके इमोशंस जैसे, दुःख, गुस्सा, थकान, तकलीफ, खालीपन- यह सब नॉर्मल है। इन इमोशंस से भागने की बजाय उनका सामना करें।
Psychiatrist : कई बार लोगों से बात करने के बाद भी हम बेहद हताश हो जाते हैं। किसी करीबी दोस्त /रिश्तेदार के जाने का लॉस सदमा भी दे सकता है। यदि आप इन इमोशंस से खुद को बहार नहीं निकाल प् रहें है और आपका सारा दिन जाने वाले को याद करते हुए रोने में या चुपचाप अकेले बैठे रहने में गुजरता है तो आप किसी प्स्य्किएट्रिस्ट की मदद लें।
Food/Fitness : जाने वाले चले जाते हैं लेकिन दुनिया चलती रहती है। इस लिए अच्छा खाना खाएं। मेन्टल स्ट्रेस ना लें और फिटनेस पर ध्यान दें। साथ ही भरपूर नींद लें। ऐसा करने से आपके फिजिकल, मेन्टल और इमोशनल हेल्थ को सामान्य रहने में मदद मिल सकती है।
Grief : बहुत ज़्यादा अकेलापन और दुःख की भावना शरीर पर भारी पड़ सकती है। सुनिश्चित करें कि आप अपने और आपने के हेल्थ का ध्यान रखें। उन्हें अपनी हेल्थ को इग्नोर ना करने दें, खुद भी ऐसा ना करें । है और वे अपने स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आवश्यक स्वस्थ कदम उठा रहे हैं। आगे बढ़ कर दूसरों की मदद करें। प्रियजनों के साथ समय बिताने से हर किसी को दुःख से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है।