आप अपने मोबाइल व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का पासवर्ड स्ट्रॉन्ग रखें। पासवर्ड ऐसा होना चाहिए जो, आसानी से कोई खोल न पाए। पासवर्ड स्ट्रॉन्ग रखने के लिए आप स्पेशल कैरेक्टर का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। ज्यादातर लोग 12345 या अपने नाम का पासवर्ड रख लेते हैं, जिन्हें हैक करना आसान होता है। ऐसे में पासवर्ड बड़ा और स्ट्रॉन्ग रखें। साथ ही टू फैक्टर ऑथेंटिफिकेशन भी ऑन करके रखें।
मैसेजिंग एप्स जैसे व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे एप्स पर बहुत सारे url आते हैं। इनमें यूजर्स को लुभावने ऑफर्स और स्कीम का झांसा दिया जाता है। कई बार लोग इनके झांसे में आ जाते हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप इन यूआरएल को खोलने से पहले ये सुनिश्चित कर लिजिए कि वेबसाइट यूआरएल क्या है। अगर यूआरएल संबंधित वेबसाइट का हो तभी उसे ओपन करें।
ईमेल के जरिए भी फ्रॉड होते हैं। ऐसे में कोई ऐसा ईमेल आपके पास आए, जिसमें आपकी कोई गोपनीय जानकारी मापंगी जाए या पासवर्ड रीसेट करने के लिए कहा जाए तो उसे ओपन करने से पहले उसका ‘ट्रू’ एड्रेस जरूर वैरीफाई करें। ईमेल चेक करने के बाद, उसे वैलिड पाने पर ही अटैचमेंट डाउनलोड करें।
इन दिनों इंस्टेंट मैसेजिंग एप ज्यादा पॉपुलर हैं। लोग इन चैट पर अपनी पर्सनल बातें भी शेयर करते हैं। कई बार चैट पर लोग अपने परिवार के सदस्य या करीबी को क्रेडिट कार्ड,डेबिट कार्ड या कोई अन्य गोपनीय जानकारी मैसेजिंग एप, टैक्सट मैसेज में शेयर कर देते हैं। ऐसी गलती कभी नहीं करनी चाहिए। ऐसी जानकारी को टुकड़ों में अलग—अलग प्लेटफॉर्म्स पर दें। मैसेजिंग एप की चैट को लीक किया जा सकता है। ऐसे में हैकर्स आपकी निजी जानकारी का फायदा उठा सकते हैं। चैट की बैकअप फाइल, जिस भी लोकेशन पर स्टोर होती हैं, वह लोकेशन या डायरेक्टरी या फोल्डर बाकी एप्स के साथ भी शेयर होती हैं और वे उसे रीड कर सकते हैं।
हम स्मार्टफोन्स में बहुत सारी ऐप्स डाउनलोड करके खरते हैं। सभी एप्स यूजर्स से डाटा एक्सेस करने की कुछ परमशनि मांगती हैं। ये ऐप्स आपके डाटा को सर्वर पर स्टोर रखती है। यहां से आपका डाटा चेारी हो सकता है। बता दें कि कई बार ऐसी ऐप्स के बारे में जानकारियां सामने आई हैं, जो यूजर्स का डाटा थर्ड पार्टी को बेच देती थीं। ऐसे में अपने स्मार्टफोन में एप्स को कम से कम परमिशन दें।