शोध के प्रमुख वैज्ञानिक और ऑस्ट्रिया स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड रिसर्च इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के संस्थापक माइकल कोप ने कहा कि जिस तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ रही है ऐसा सिस्टम हमारे लिए भविष्य के ट्रैफिक की जरुरत है। मान लीजिए कि आने वाले 10 सालों में 10 फीसदी इलेक्ट्रिक कारें हमारी सड़कों पर बढ़ जाएं तो हम उस दबाव का सामना कैसे करेंगे। इससे होने वाले सीओ२ उत्सर्जन को रोकने के हमारे पास क्या उपाय हैं? ऐसे में ट्रैफिक को सुगम बनाने से काफी राहत मिल सकती है। क्योंकि हम हर कार के लिए तो हॉट लेन नहीं बना सकते। इसलिए आज हम ट्रैफिक दबाव के उस बिंदू पर पहुंच गए हैं जहां हमें कंप्यूटर पर ट्रैफिक के पूर्वानुमान के लिए आश्रित होना ही पड़ेगा।
कोप ने बताया कि वे अभी जर्मनी, तुर्की और रूस के शहरों के यातायात डेटा का उपयेाग कर मशीनों को प्रशिक्षित कर रहे हैं। ये सभी डेटा रंगों में हैं। हरा रंग का कोड गति, नीला दिशा और लाल रंग ट्रैफिक घनत्व को दर्शाता है।