जब आप प्ले स्टोर से कोई ऐप डाउनलोड करते हैं तो उस ऐप के साथ यह भी बताया जाता है कि उस ऐप का डेवलपर कौन है। ऐसे में आप डेवलेपर के नाम को गूगल पर सर्च कर उसकी वेबसाइट पर जा सकते हैं। वेबसाइट पर मौजूद कंटेट से आपको अंदाजा हो जाएगा कि यह फेक तो नहीं। साथ ही उस डेवलपर की अन्य ऐप्स के बारे में भी आपको वेबसाइट से पता चल जाएगा।
गूगल प्ले स्टोर पर ऐसी बहुत सी ऐप्स मौजूद हैं, जिनमें सिर्फ वेब लिंक दिए जाते हैं। ऐसी ऐप्स को डाउनलोड करने से बचें। इस तरह की ऐप्स इंस्टॉल करनेे के बाद यूजर्स को अनावश्यक विज्ञापन दिखाती हैं। साथ ही कई बार ये आपके वेब सर्च की एक्टिविटी भी ट्रैक करती हैं। हाल ही गूगल प्ले स्टोर से ऐसी कई ऐप्स हटाई गई हैंं।
गूगल प्ले स्टोर पर ऐप्स को उनकी परफॉर्मेंस के हिसाब से यूजर्स रेटिंग देते हैं। हर ऐप के साथ आपको उसकी रेटिंग दिखाई देगी। ऐसे में ऐप इंस्टॉल करने से पहले उसकी रेटिंग जरूर देखें। अगर ऐप की रेटिंग 3 से ऊपर है तो ऐप ठीक है। इसके अलावा उन ऐप्स को इस्तेमाल कर चुके कई यूजर्स कमेंट्स भी करते हैं। इन कमेंट्स में वे ऐप को लेकर उनके अनुभव शेयर करते हैं। उनके कमेंट्स से भी आप ऐप के बारे में अंदाजा लगा सकते हैं।
प्ले स्टोर पर ऐप्स के नाम के बगल में टॉप डेवलपर्स या एडिटर्स च्वॉइस जैसे विकल्प दिखाई देते हैं। अगर ऐप के साथ इस तरह की जानकारी दी हुई तो वह ऐप आप इंस्टॉल कर सकते हैं। लेकिन अगर किसी ऐप के साथ इस तरह की जानकारी नहीं दी गई है तो उसे इंस्टॉल न करें।
जब भी कोई ऐप इंस्टॉल करते हैं तो वह यूजर से कुछ जानकारियां कलेक्ट करने का ऐक्सेस मांगती हैं। अगर आप कोई मैसेजिंग ऐप या वीडियो कॉलिंग ऐप डाउनलोड करेंगे तो ऐसी ऐप्स यूजर्स से उनके कॉन्टैक्ट, मैसेज मेल कैमरा एक्सेस आदि का एक्सेस मांगती हैं जो जरूरी है। लेकिन अगर आप कोई गेम ऐप इंस्टॉल करते हैं और वो ऐप आपसे इस तरह के एक्सेस मांगे तो उसे इंस्टॉल न करें। कई ऐप्स इसी तरीके से यूजर्स का डाटा चुराती हैं।