TWITTER पर अपने आलोचकों पर कटाक्ष करने के लिए जाने जाने वाले मस्क अब बहुत संयम बरतते हैं। मस्क को करीब से जानने वाले लोग कहते हैं कि वे लगातार खुद को सुधार रहे हैं। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्हें दुनियश भर में 5करोड़ से ज्यादा लोग सोशल मीडिया पर फॉलो करते हैं। उनका अधिकतर बचपन दक्षिण अफ्रीका में बीता है जहां उन्हें BULLYING का शिकार होना पड़ा। इसलिए वे किशोरावस्था में ही उत्तरी अमरीका चले आए। 2000 में बाहर होने से पहले वे PAY-PAL के सीईओ थे। उन्हें स्थापित मानदंडों को चुनौती देने में मजा आता है। उन्हें ‘ये नहीं हो सकता’ से चिढ़ है। उन्होंने २2001 में स्पेसएक्स की स्थापना ऐसी ही एक असंभव थ्योरी ‘स्पेस ट्यूरिज्म’ को कर के दिखाने के लिए की थी। आज अमरीका की स्पेस इंडस्ट्री में वे शीर्ष पर हैं। 2018 में कंपनी के कुछ प्रतिभाशाली प्रमुख अधिकारियों के कंपनी छोडऩे से उन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ा। लेकिन कड़ी मेहनत और अपनी काबिलियत से वे इससे भी उबर गए।
स्पेसएक्स के फॉल्कन रॉकेट के विंग डोर बनाने में जब उनकी कंपनी फेल हो गई तो वे बहुत अधिक चिंति हो गए। दरअसल दरवाजे इतने सख्त थे कि उन्हें फिट ही नहीं किया जा सका। तब उन्होंने दो सप्ताह कंपनी के अंदर ही बिताए और रात-दिन अपने इंजीनियर्स के साथ काम किया। यहां वे स्लीपिंग बैग्स में ही सो जाते और उठते ही फिर से काम पर जुट जाते। वे रॉकेट के पेंट से भी खुश नहीं थे। इसलिए वे लगातार कई सप्ताहों तक वर्कशॉप के पेंट सेक्शन में ही रहे और अपने हाथों से काम किया। इसी मेहनत का नतीजा था कि उन्होंने पिछले साल मार्च में अपने ड्रैगन स्पेस क्राफ्ट की सफल उड़ान को अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन तक उड़ाकर वापस सुरक्षित जमीन पर उतारने का कारनामा कर दिखाया। लेकिन अगले महीने ऐसा ही एक ड्रैगन स्पेस क्राफ्ट इमरजेंसी में यान के इंजन से अलग होने की टेस्टिंग के दौरान हवा में ही विस्फोट हो गया। इससे एक बार फिर मस्क का सपना टूट गया। लेकिन उन्होंने हार तब भी नहीं मानी।