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टेक्नोलॉजी

सेमीकन्डक्टर निर्माण को सरकार की इस योजना से मिलेगा बूस्ट, होगी सेमीकंडक्टर की कमी दूर

अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘सेमीकंडक्टर उद्योग बहुत ही जटिल है। इस उद्योग के लिए अत्यधिक पूंजी की आवश्यकता है, इसके लिए हम कई स्टैकहोल्डर्स से बातचीत कर रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि नतीजे अच्छे होंगे।’
केंद्र सरकार देश में दुनियाभर के सेमीकंडक्टर निर्माताओं को लुभाने के लिए 10 बिलियन डॉलर से अधिक का इंसेंटिव अर्थात प्रोत्साहन पैकेज पर काम कर रही है।

Dec 03, 2021 / 06:22 pm

Mahima Pandey

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सेमीकंडक्टर या चिप भले ही सुनने में मामूली लगते हैं, पर ये बड़े महत्वपूर्ण हैं। स्मार्टफोन हो या कंप्युटर या ऑटोमोबाइल डिवाइस हो या मेडिकल डिवाइस लगभग हर इलेक्ट्रॉनिक सामान में इसका इस्तेमाल किया जाता है। सेमीकंडक्टर की कमी के कारण पूरी दुनिया में कोहराम मचा है और भारत भी इससे अछूता नहीं है। अब इसकी कमी को पूरा करने के लिए सरकार देश में ही सेमीकंडक्टर के निर्माण को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है। इसके लिए सरकार इंसेंटिव योजना पर काम कर रही है।

सेमीकंडक्टर निर्माण पर जोर

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में सेमीकंडक्टर निर्माण को लेकर जानकारी दी। भाजपा सदस्य के जे अल्फोंस ने सेमीकंडक्टर को लेकर सवाल किया था। इसके जवाब में केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘सेमीकंडक्टर उद्योग बहुत ही जटिल है। इस उद्योग के लिए अत्यधिक पूंजी की आवश्यकता है और हाँ, हमें निश्चित रूप से इस क्षेत्र में बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। इसके लिए हम कई स्टैकहोल्डर्स से बातचीत कर रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि नतीजे अच्छे होंगे।’
बता दें कि इस दौरान मोबाइल फोन और आईटी हार्डवेयर, इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स, इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज और सेमीकंडक्टर्स जैसे चार प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान उन्होंने ये भी बताया कि इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में भारत की ग्रोथ रेट 23 फीसदी से अधिक है।

10 बिलियन डॉलर से अधिक का इंसेंटिव

सेमीकंडक्टर निर्माण को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने नाम न बताने की शर्त पर प्रोत्साहन पैकेज की जानकारी दी है। केंद्र सरकार देश में दुनियाभर के सेमीकंडक्टर निर्माताओं को लुभाने के लिए 10 बिलियन डॉलर से अधिक का इंसेंटिव अर्थात प्रोत्साहन पैकेज पर काम कर रही है। प्रोत्साहन पैकेज लाने की योजना के संकेत सरकार ने इसी वर्ष अक्टूबर माह में भी दिया था।

निवेशकों को आकर्षित करने की योजना

केंद्र सरकार आयात पर निर्भरता कम करने के लिए सेमीकंडक्टर फैब, डिस्प्ले फैब, डिजाइन और पैकेजिंग के घरेलू उत्पादन के लिए 6 वर्षों में 760 बिलियन रुपये का प्रोत्साहन देगी। सरकार के अनुमानों के अनुसार, प्रोत्साहन पैकेज की योजना से भारत को अगले 6 वर्षों में 1.7 ट्रिलियन रुपये के निवेश को आकर्षित करने में मदद मिलेगी। उम्मीद की जा रही है कि कैबिनेट जल्द ही इस प्रस्ताव को मंजूरी देगा। इस प्रोत्साहन पैकेज से देश में लघु उद्योग और स्टार्टअप के लिए वित्तीय सहायता मिल सकेगी। ये दुनियाभर के सेमीकंडक्टर निर्माताओं को भी आकर्षित करेगा।
मोदी सरकार का ये निर्णय अर्थव्यवस्था में विनिर्माण की हिस्सेदारी को बढ़ावा देने और महामारी में देश को हुए आर्थिक नुकसान से जल्द से जल्द उबरने की दिशा में ये प्रस्ताव महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

सेमीकंडक्टर का वैश्विक बाजार 1.5 ट्रिलियन डॉलर

बता दें कि सेमीकंडक्टर का वैश्विक बाजार 1.5 ट्रिलियन डॉलर है। सेमीकंडक्टर के वैश्विक उद्योग में संयुक्त राज्य अमेरिका, ताइवान, दक्षिण कोरिया, जापान और नीदरलैंड की कंपनियों का वर्चस्व है जबकि भारत का लक्ष्य इस बाजार का प्रमुख खिलाड़ी बनने का है। फिलहाल पूरी दुनिया में चिप संकट गहरा है और 2023 तक इस संकट के बने रहने की संभावनाएँ हैं। ऐसे में देश में सेमीकन्डक्टर निर्माण को बढ़ावा देने के लिए प्रस्तावित योजना में प्रोत्साहन के अलावा सेमीकंडक्टर फैब के निर्माण के लिए चुनी गई कंपनियों को 50% पूंजीगत व्यय सरकार द्वारा प्रदान की जा सकती है।

भारत ताइवान की डील

भारत पहले ही 5जी उपकरणों से लेकर इलेक्ट्रिक कारों तक हर चीज की आपूर्ति करने के लिए 7.5 अरब अमेरिकी डॉलर का चिप प्लांट शुरू करने के लिए ताइवान के साथ डील कर चुका है। इस प्लांट के निर्माण के लिए उचित लोकैशन की खोज भी शुरू हो चुकी है। सेमीकंडक्टर के बाजार में ताइवान कितना अहम है इससे ही आप समझ सकते हैं कि दुनिया के 80 फीसदी चिप दक्षिण कोरिया और ताइवान में बनते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी दौरे के दौरान Qualcomm के सीईओ क्रिस्टिआनो ई अमोन से मिले थे और भारत में व्यापक व्यवसायिक संभावनाओं से अवगत कराया था। इसके साथ ही टाटा समूह ने देश में सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट यूनिट स्थापित करने के लिए $300 मिलियन तक के निवेश करने की घोषणा की थी। अब टाटा समूह देश के तीन राज्यों (तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना) में सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने के चर्चा भी कर रहा है। देश में सेमीकंडक्टर निर्माण को बढ़ावा मिलने से आने वाले समय में देश में इसकी कमी दूर होगी। भारत तब निर्यात को भी बढ़ावा दे सकेगा।

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