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इस भारतीय की क्लाउड पेमेंट प्लेटफार्म ने जीता ‘एंट्रप्रिन्योर ऑफ द ईयर’ अवॉर्ड

अमन ने अपनी कंपनी के बैनर तले नो किड हंगरी प्रोग्राम के तहत 50 हजार जरुरतमंद बच्चों को महामारी में भोजन पहुंचाने का भी काम किया।

Dec 12, 2020 / 02:22 pm

Mohmad Imran

इस भारतीय की क्लाउड पेमेंट प्लेटफार्म ने जीता 'एंट्रप्रिन्योर ऑफ द ईयर' अवॉर्ड

इस भारतीय की क्लाउड पेमेंट प्लेटफार्म ने जीता ‘एंट्रप्रिन्योर ऑफ द ईयर’ अवॉर्ड

मल्टीनेशनल प्रोफैशनल्स सर्विस नेटवर्क प्रोवाइडर ब्रिटिश फर्म अर्नस्ट एंड यंग ने हाल ही अपनी ‘ईवाइ यूएस एन्ट्रप्रिन्योर ऑफ द ईयर’ के विजेता की घोषणा की। भारतीय मूल के उद्यमी अमन नारंग ने शीर्ष पुरस्कार जीता है। मैसाचुसेट्स स्थित उनकी कंपनी टोस्ट के सह-संस्थापक अमन की रेस्तरां के लिए बनाई क्लाउड कम्प्यूटिंग आधारित मोबाइल पेमेंट ऐप के लिए यह सम्मान दिया गया है। लेकिन जल्द ही उन्होंने महसूस किया कि केवल इस ऐप से उद्योग की सभी समस्याओं का समाधान संभव नहीं है। प्रबंधन चुनौतियों को दूर करने के लिए उन्होंने अपनी ऐप में तकनीकी रूप से कई बड़े बदलाव किए। उन्होंने ऐप की जगह एक नया सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म बनाने पर काम करना शुरू कर दिया जो किसी भी सेलफोन से सभी को इन्वेंट्री और कर्मचारियों के प्रबंधन के लिए भुगतान और ऑनलाइन ऑर्डर लेने से लेकर, रेस्तरां से जुड़े भुगतान संबंधी अन्य कार्यों में भी मददगार हो। के लिए कई प्रकार के कार्य कर सकता है।
इस भारतीय की क्लाउड पेमेंट प्लेटफार्म ने जीता 'एंट्रप्रिन्योर ऑफ द ईयर' अवॉर्ड

ऐसे काम करता है टोस्ट प्लेटफॉर्म
यह रसोई, ऑनलाइन ऑर्डरिंग सिस्टम और गेस्ट लॉयल्टी प्रोग्राम सहित कई एंट्री पॉइंट्स से डेटा एकीकृत और सुव्यवस्थित करता है। इससे रेस्तरां मालिकों को ग्राहकों का सही फीडबैक बताने, टेबल टर्नओवर के समय में सुधार करने और बिक्री बढ़ाने में भी मदद करता है। कोविड-19 महामारी के दौर में रेस्तरां उद्योग को इस प्लेटफॉर्म से लाभ हुआ। रेस्तरां मालिकों के अनुभव के आधार पर अमन और उनके साथियों ने अपनी कंपनी के टू-गो ऐप और ऑनलाइन ऑर्डरिंग की फिर से शुरुआत की, ताकि कोरोना में बिना घर से निकले लोगों तक डिलीवरी पहुंचाई जा सके। इतना ही नहीं अमन ने अपनी कंपनी के बैनर तले नो किड हंगरी प्रोग्राम के तहत 50 हजार जरुरतमंद बच्चों को महामारी में भोजन पहुंचाने का भी काम किया। इससे उन्होंने प्रत्येक पैकेट पर अपव्यय रोककर आधा मिलियन पाउंड की कीमत बराबर भोजन भी बचाया।

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