पहली बिड में लगी थी बेहद कम बोली
गौरतलब है कि कर्नाटक हार्इकोर्ट ने बीते शुक्रवार को इस विमान को नीलाम करने के लिए र्इ-आॅक्शन की प्रक्रिया पूरी की है। विभाग ने इस विमान को बेचने की पहली प्रक्रिया मार्च 2016 में शुरू किया था जिस दौरान इसका रिजर्व प्राइस 152 करोड़ रुपये फिक्स किया गया था। इसके पहली नीलामी में करीब 106 प्रतिभागियों ने भाग लिया जिसमें से केवल एक ही बिडर ने 1.09 करोड़ रुपये की बोली लगार्इ थी। बाद में विभाग ने बिड को रिजेक्ट करते हुए रिजर्व प्राइस को 10 फीसदी कम कर दिया। बता दें कि माल्या के इस विमान को साल 2013 में इस विमान को सर्विस टैक्स डिपार्टमेंट ने अटैच किया था।
पार्किंग से हो मुंबर्इ एयरपोर्ट को भारी नुकसान
माल्या के इस लग्जरी जेट को साल 2013 से मुंबर्इ एयरपोर्ट पर खड़ा किया गया है। इस विमान डील को पूरा करने के लिए बाॅम्बे हार्इकोर्ट से मंजूरी मिलना बाकी है। अंग्रेजी अखबार र्इटी की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे मुंबर्इ एयरपोर्ट को भारी नुकसान हो रहा है। इसको लेकर मुंबर्इ इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड(एमएआर्इएल) ने बाॅम्बे हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। आपको बता दें कि किसी भी विमान की पार्किंग चार्ज इस बात पर निर्भर करता है कि वो कितना बड़ा विमान है। भारत में विमानों को संचालित करने और पट्टे पर रखने वाले कई निजी जेट ऑपरेटरों ने र्इटी का बताया कि विमान लागत के हिसाब से विमान के आकार के साथ पार्किंग लागत 5,000 रुपये से 15,000 रुपये प्रति घंटा होगी। जबकि इस मामले में जेट के भव्य अंदरूनी हिस्सों के साथ 6,000 घन फुट रहने की जगह ऐसी है कि जिससे अनुमानित पार्किंग लागत 15,000 रुपये प्रति घंटे हो सकती है।
माल्या के इस विमान में है बेहद लग्जरी सुविधाएं
इसके पहले एमआर्इएल ने इस प्लेन को बेचने की कोशिश भी की लेकिन वो इसमें असफल रहे। सूत्रों के अनुसार, माल्या का ये सबसे पसंदीदा विमान है। इसमें बेहतरीन बेडरूम, शॅावर, डाइनिंग स्पेस, आॅफिस एरिया, एक बार आैर लग्जरी सीट जैसी वर्ल्ड क्लास सुविधाएं हैं। माल्य इससे अक्सर लंदन आैर दुनिया के अन्य देशों का यात्रा करता था। 2006 का ये एयरक्राफ्ट माॅडल माल्य के नाम पर VTVJM के नाम से रजिस्टर्ड है। इस विमान में 22 लोग आैर 2 क्रू सदस्य के बैठने की जगह है। किंगफिशर ने ये विमान लीज पर लिया था।