अनिल अंबानी के साथ निवेशकों की बिगड़ी हालत मुकेश अंबानी के छोटे भाई और देश के दिग्गज कारोबारी अनिल अंबानी की हालत भी 2019 में बेहद खराब रही। जहां बड़े भाई मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) ने कई नए मुकाम बनाए और 10 लाख करोड़ मार्केट कैप वाली पहली कंपनी बनी, छोटे भाई अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनियों के शेयरों का बुरा हाल रहा। हालत यह रही कि BSE 500 में शामिल शेयरों में इस साल सबसे ज्यादा टूटने वाले टॉप 10 में 4 शेयर अनिल अंबानी धीरूभाई अंबानी ग्रुप (ADAG) के रहे हैं। इनमें इस साल अबतक निवेशकों की दौलत 88 फीसदी से 96 फीसदी तक साफ हो गई। इसी साल के अनिल अंबानी की कंपनी आर कॉम दिवालिया प्रोसेस में चली गई।
कारोबार समेटने की हालत बिड़ला ग्रुप के मुखिया और आइडिया-वोडाफोन के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला के लिए भी साल 2019 शुभ नही रहा। इस साल आइडिया-वोडाफोन मर्जर के बाद देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी तो बन गई। लेकिन रिलायंस जियो के सामने यह कंपनी टिक नही पाई। इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में वोडाफोन-आइडिया को 50,922 करोड़ रुपये का वित्तीय घाटा हुआ। रिलायंस Jio के टेलिकॉम सेक्टर में कदम रखने के बाद टेलिकॉम कंपनियों के बीच चल रहे प्राइस वॉर की वजह से प्रतिद्वंदी कंपनियों को भारी वित्तीय घाटा उठाना पड़ रहा है। 30 सितंबर को समाप्त हुए वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में कंपनी को नेट 50,922 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। आपको बता दें कि वोडाफोन-आइडिया का घाटा किसी एक तिमाही में भारत के इतिहास में अब तक का सबसे खराब नुकसान है। आलम तो यहां तक आ गई कि कुमार मंगलम बिड़ला को खुद ये कहना पड़ा कि अगर सरकार ने मदद नही की तो उन्हें अपना टेलिकॉम कारोबार बंद करना पड़ेगा।
एयरटेल को भी तगड़ा नुकसान टेलिकॉम कंपनियों की प्राइस वार की मार देश के दिग्गज कारोबारी सुनील भारती मित्तल को भी झेलनी पड़ी। दरअसल इसी साल सुप्रीम कोर्ट के AGR Verdict के बाद एयरटेल को भारी घाटा उठाना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट के एजीआर फैसले के बाद वोडाफोन-आइडिया के साथ ही भारती एयरटेल को भी दूसरी तिमाही में भारी घाटा हुआ । कंपनी को दूसरी तिमाही में 23,045 करोड़ रुपये का घाटा उठाना पड़ा है।