चंद्रशेखरन ने टॉप मैनेजमेंट का बचाव करते हुए कहा, “यह कहना सही नहीं होगा कि कंपनी अपने टॉप कर्मचारियों को अधिक सैलरी दे रही है। उन्हें उनकी क्षमता से अधिक भुगतान नहीं किया जा रहा। वास्तव में, हम यह कह सकते हैं कि हम चाहें तो उन्हों और अधिक सैलरी दे सकते हैं।”
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टीसीएस में हैं 100 से भी अधिक करोड़पति कर्मचारी
बता दें कि बीते दिन ही खबर आई थी कि टीसीएस कंपनी में कुल 100 ऐसे कर्मचारी हैं, जिन्हें हर साल 1 करोड़ रुपए से अधिक की सैलरी मिलती है। चंद्रशेखरन ने कहा कि बोर्ड और नामित कमेटी समय-समय पर इसपर विमर्श करती है कि अपने कर्मचारियों को कैसे रिवार्ड देना है। खासतौर पर उनके लिए जो कंपनी में लंबे समय से और बेहतर प्रदर्शन करते हैं। टीसीएस अपने कुल राजस्व का करीब 52 फीसदी हिस्सा अपने कर्मचारियों पर खर्च करता है। टीसीएस चेयरमैन ने इस बात पर भी सफाई दी की आखिर क्यों कुछ कर्मचारियों को उनके रिटायरमेंट की उम्र पूरी होने के बाद भी कंपनी के साथ जुड़े रहने का अवसर मिला।
सालान बैठक में कंपनी ने यह भी जानकारी दी कि उसे वित्त वर्ष 2019 में अपने कुल रेवेन्यू से भी अधिक कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने में कामयाबी मिली है। कंपनी को पिछले वित्त वर्ष में कुल 21.9 अरब डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट मिला है। कंपनी ने अपने कर्मचारियों को रिटेन करने के लिए विशेष तौर पर निवेश किया है।
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