scriptएनसीएलएटी का बड़ा फैसला, साइरस मिस्त्री टाटा ग्रुप के बनेंगे दोबारा से चेयरमैन | NCLAT Ordered, Cyclus Mistry to become chairman of Tata group again | Patrika News
कॉर्पोरेट वर्ल्ड

एनसीएलएटी का बड़ा फैसला, साइरस मिस्त्री टाटा ग्रुप के बनेंगे दोबारा से चेयरमैन

चार हफ्तों के बाद टाटा ग्रुप के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन का पद संभाल सकते हैं
कई आरोपों के साथ साइरस मिस्त्री को 2016 में पद से हटा दिया गया था

Dec 18, 2019 / 04:48 pm

Saurabh Sharma

Cyrus Mistry

NCLAT Ordered, Cyclus Mistry to become chairman of Tata group again

नई दिल्ली। नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल ( national company law appellate tribunal ) ने साइरस मिस्त्री ( Cyrus Mistry ) के पक्ष में फैसला सुनाते हुए बड़ी राहत दी है। अपीलेट ट्रिब्यूनल ने एक बार फिर से साइरस को टाटा ग्रुप ( Tata group ) का एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर बनाने की बात कही है। साइरस मिस्त्री 4 हफ्तों के बाद अपने पद को संभाल सकते हैं। दूसरी पार्टी को फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए चार हफ्तों का समय दिया गया है। आपको बता दें कि कई आरोपों के साथ साइरस मिस्त्री को 2016 में उनके पद से हटा दिया गया था।

यह भी पढ़ेंः- भारत को झटका दे सकता है आईएमएफ, गीता गोपीनाथ ने जीडीपी ग्रोथ अनुमान घटाने के दिए संकेत

वहीं मौजूदा समय में टाटा संस के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन एन चंद्रशेखरन की नियुक्ति को पूरी तरह से इललीगल बताया है। इससे पहले, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ ने मिस्त्री को हटाने को चुनौती देने वाली दो निवेश फर्म साइरस इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड और स्टर्लिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्प द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया था। बाद में, मिस्त्री ने भी एनसीएलटी के आदेश पर एनसीएलएटी से व्यक्तिगत रूप से संपर्क किया था।

यह भी पढ़ेंः- जीएसटी और सेस में वृद्धि के सुझाव, क्योंकि रेवेन्यू बढ़ाने का है दबाव

मिस्त्री, टाटा संस के छठे अध्यक्ष थे, जिन्हें अक्टूबर 2016 में पद से हटा दिया गया था। रतन टाटा के रिटायरमेंट के बाद मिस्त्री को 2012 में अध्यक्ष का पद मिला था। मिस्त्री ग्रुप ने एनसीएलटी की मुंबई पीठ के 9 जुलाई के आदेश को चुनौती दी थी जिसमें टाटा संस के अध्यक्ष के रूप में उनके निष्कासन के खिलाफ याचिका खारिज कर दी थी, साथ ही रतन टाटा और कंपनी के बोर्ड की ओर से बड़े पैमाने पर कदाचार के आरोप भी थे।

यह भी पढ़ेंः- नए शिखर पर शेयर बाजार, सेंसेक्स 42 हजार की ओर, निफ्टी 12200 पार

न्यायाधिकरण की विशेष पीठ ने माना था कि टाटा संस का निदेशक मंडल कंपनी के कार्यकारी अध्यक्ष को हटाने के लिए “सक्षम” था। एनसीएलटी पीठ ने यह भी कहा था कि मिस्त्री को अध्यक्ष के रूप में इसलिए बाहर किया गया क्योंकि टाटा संस का बोर्ड और शेयरधारकों का साइरस मिस्त्री ने विश्वास खो दिया था। उनके हटने के दो महीने बाद, मिस्त्री के परिवार द्वारा संचालित फर्मों ने एनसीएलटी में टाटा संस, रतन टाटा और कुछ अन्य बोर्ड सदस्यों के खिलाफ संपर्क किया। मिस्त्री ने अपनी दलीलों में मुख्य रूप से कहा था कि उनका निष्कासन कंपनी अधिनियम के अनुसार नहीं था।

Hindi News / Business / Corporate / एनसीएलएटी का बड़ा फैसला, साइरस मिस्त्री टाटा ग्रुप के बनेंगे दोबारा से चेयरमैन

ट्रेंडिंग वीडियो