एयरटेल और वोडा आईडिया दोनों को होगा बड़ा फायदा
कंपनी के मर्जर के बाद इसे घरेलू बाजारों लिस्टेड रहेगी। नई कंपनी के पास इंफ्राटेल और इंडस दोनों के कारोबार का पूर्ण स्वामित्व होगा। खास बात ये है कि इस इस विलय का समय पर पूरा होना काफी जरूरी है। इसका कारण है कि इस विलय के माध्यम से भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के लिए कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचने के विकल्प खुलेंगे। ताकि वो अपना एजीआर बकाए का भुगतान कर सकें। मौजूदा समय में इंडस टावर्स में भारती इन्फ्राटेल और वोडाफोन समूह की 42-42 फीसदी की हिस्सेदारी है। इसमें वोडाफोन आईडिया का भी 11.15 फीसदी शेयर है। भारती इन्फ्राटेल में एयरटेल की बहुत बड़ी हिस्सेदारी है।
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2019 में हुआ था करार
इस डील की वजह से वोडाफोन आईडिया करीब 4500 करोड़ रुपए रुपए जुटाने में कामयाब हो जाएगी, जिसका इस्तेमाल कंपनी का एजीआर बकाया चुकाने में किया जाएगा। जानकारी के अनुसार नई कंपनी के बाद वोडाफोन और आईडिया अपने शेयर बेचकर निकल जाएगी। इसके बाद भारती एयरटेल की हिस्सेदारी 37.20 फीसदी और वोडाफोन ग्रुप की हिस्सेदारी 29.40 फीसदी रह जाएगी। भारती इन्फ्राटेल और इंडस टॉवर के बीच 23 अप्रैल 2019 को करार हुआ था।