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कोर्ट के सामने कंपनी ने रखा अपना पक्ष
कंपनी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी ने एक अवकाश पीठ के सामने मामले की तत्काल सुनवाई की मांग की। इस पीठ में न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और अजय रस्तोगी शामिल थे। सिंघवी ने पीठ को बताया कि याचिका में कंपनी के खिलाफ तुच्छ आरोप लगाए गए हैं और याचिका मीडिया में लीक हो गई है। उन्होंने कहा कि कंपनी के खिलाफ याचिका दायर करने के बारे में प्रकाशित मीडिया रिपोर्टों के कारण, आईएचएफएल ने अपनी बाजार हिस्सेदारी का लगभग 7,000 करोड़ रुपए का नुकसान उठाया है। पीठ ने कहा कि वह इसकी तत्काल सुनवाई पर दिन के दौरान निर्णय लेगी।
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कंपनी के शेयरों में लगातार गिरावट
इस आरोप-प्रत्यारोप के खेल में कंपनी को भारी नुकसान हो रहा है और कंपनी के शेयर रोज गिर रहे हैं। बुधवार को, यह फिर से 7.88 फीसदी या 53.15 रुपये की गिरावट के साथ 621.40 पर बंद हुआ। सर्वोच्च न्यायालय और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) को इस मामले में व्हिसिलब्लोअरों की स्थिति और उनकी याचिका पर कार्रवाई की स्थिति को स्पष्ट करना चाहिए। सत्य की रक्षा करना सबसे महत्वपूर्ण होना चाहिए।
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सेबी ने व्हिसलब्लोअर्स को पुरस्कृत
इसके अलावा, सेबी ने व्हिसलब्लोअर्स को पुरस्कृत करने की योजना बनाई है। सेबी ने कहा कि वह मुखबिर को घोटाले की पकड़ी गई रकम का 10 फीसदी देकर पुरस्कृत करेगी, हालांकि यह रकम एक करोड़ रुपए से अधिक नहीं होगी। सेबी ने कहा कि पुरस्कार का भुगतान निवेशक सुरक्षा और शिक्षा निधि ( आईपीईएफ ) से किया जाएगा। निवेशकों के हितों की रक्षा करने और इनसाइडर ट्रेडिंग के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए, नियामक सेबी ने एक मुखबिर तंत्र का प्रस्ताव दिया है, जिसमें वास्तविक व्हिसलब्लोअर को कंपनी में धोखाधड़ी और गलत कामों को उजागर करने के लिए पुरस्कृत किया जाएगा। सेबी ने कहा कि यह इनसाइडर ट्रेडिंग के मामलों का जल्द पता लगाने के लिए तंत्र को मजबूत करने में मदद करेगा।
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