विद्यालयों ठंड से लड़ रहे मासूम
आप को बताते चले कि परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले लगभग 4 लाख से अधिक छात्र-छात्रों को शासन द्वारा मुफ्त में स्वेेटर,जूते, मोजे दिए जाने का ऐलान किया गया था। लेकिन दिसंबर माह भी गुजरने को है। लेकिन अब तक स्वेटर वितरण के अभाव में जिले के तमाम विकास खंड क्षेत्रों के प्राथमिक विद्यालय व उच्च प्राथमिक विद्यालयो में पढ़ने वाले बच्चे ठंड में ठिठुरते हुए विद्यालय जाने को मजबूर हैं। इसे शासन की लापरवाही या जिलाप्रशासन की उदाशीनता कहा। फिलहाल अभी यह भी तस्वीर साफ नहीं है कि आखिरकार विद्यालय जाने वाले इन नन्हे-मुन्ने बच्चों को स्वेटर पाने के लिए अभी और कितना इंतजार करना पड़ेगा। जबकि शासन द्वारा स्वेटर वितरण के लिए विभाग से छात्र संख्या भी मांग ली गई है।
अगर हम बात करें विकासखंड मितौली क्षेत्र के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने बच्चों को निःशुल्क किताबें, मध्यान भोजन, ड्रेस, स्कूली बैग के साथ जूते-मोजे और सर्दी में स्वेटर वितरित किए जाने का ऐलान किया गया था। लेकिन विभाग की ढुलमुल रवैया के चलते दिसंबर माह गुजरने को है। कड़कड़ाती हुई ठंड के बावजूद भी अब तक बच्चों को स्वेटर नहीं मिल पाए हैं। बच्चे ठिठरते हुए रोज बिना स्वेटर के ही विद्यालय आ रहे हैं। शासन तो अभी बच्चों की संख्या के आंकड़े ही जुटा रहा है। उक्त मामले में क्षेत्र के कई विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि कुछ विद्यालयों में जूते-मोजे बच्चों को बांट दिए गए हैं, कुछ में बांटना अभी बाकी है। वहीं स्वेटर का टेंडर प्रदेश स्तर से ही अभी तक नहीं हुआ है, स्वेटर आ जाय तो वितरण किया जाय। शासन स्तर पर खरीददारी और फिर जिले में खेप आने के बाद ब्लॉकवार में पहुंचने में अभी महीनों का समय लगना लगभग तय है। कहीं ऐसा न हो कि कड़ाके की ठंड बच्चों को बिना स्वेटर के ही काटना पड़े। मौजूदा समय में कड़कड़ाती ठंड शुरू हो चुकी है और ठंड से बचाने के लिए अध्यापक बच्चों को खुली धूप में बैठा कर पढ़ा रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग स्वेटर वितरण के क्रम में पूरे जिले के लाभार्थी बच्चों की संख्या ब्लॉकवार शासन को उपलब्ध करा चुका है। इसके बाद भी शासन में बैठे जिम्मेदार अफसर कान में तेल डाल पर बैठे हैं और अधिक कड़ाके की सर्दी का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में बच्चों को स्वेटर कब मिलेगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। इस मामले में बीएसए बुद्धप्रिय सिंह ने बताया कि जूते-मोजे बीआरसी तक पहुंच चुके है जो विद्यालयो को तत्काल पहुंचाए जाएंगे। वहीं स्वेटर के लिए अपर लेविल पर प्रक्रिया चल रही है।