लखीमपुर खीरी में अंतिम संस्कार को तरसे परिजन
लखीमपुर खीरी के फूलबेहड़ इलाके में बाढ़ ने लोगों का हौसला तोड़ दिया है। गांव के चारों तरफ सिर्फ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। ऐसे में एक परिवार अपने बुजुर्ग परिजन को बीमारी के चलते खो देता है। अब उनके सामने समस्या आती है अंतिम संस्कार की। गांव के टापू बन जाने के चलते अंतिम संस्कार करना दूभर हो गया। अब ये तय किया गया कि अंतिम संस्कार कहीं और किया जाएगा। परिजनों ने दो नावों की व्यवस्था की। एक नाव पर चारपाई और उस पर शव रखा गया तो दूसरी नाव पर लकड़ियां लादी गईं। तकरीबन तीन किलोमीटर पानी पार कर एक सूखी जगह पर मृतक का अंतिम संस्कार पूरा किया गया।
बाढ़ से इन जिलों का है बुरा हाल
नेपाल में हुई भारी बारिश का असर बहराइच, गोंडा, श्रावस्ती और बाराबंकी समेत कई जिलों पर पड़ रहा है। सरयू नदी उफान पर हैं। नदी के तटवर्ती इलाके भयानक बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। लोग रोजमर्रा की जरुरतों के लिए तरस रहे हैं। पानी अब आबादी में घुसने लगा है जिसके चलते गांव के लोग पलायन करने को मजबूर हैं। दरअसल पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार की लगभग सभी नदियों को उफान पर ला दिया है। खासतौर पर सरयू नदी ने बाराबंकी से लेकर बलिया तक जोरदार तहलका मचाना शुरू कर दिया है। लोगों ने प्रशासनिक मदद न मिलने का भी आरोप लगाया है।
20 किलोमीटर के दायरे के गांवों में बाढ़ का पानी है। प्रभावित गांव में लंच पैकेट बांटे गए। तीन बाढ़ चौकियां बनाकर निगरानी हो रही है। बीमार लोगों को नाव से लाकर इलाज कराया गया है। हर संभव मदद दी जा रही है।
-सुशील प्रताप सिंह, तहसीलदार सदर