कौतूहल का विषय बना मामला यह है कि, भगवान शिव की महिमा से प्रभावित होकर थाईलैंड का दो परिवार हर साल भारत आकर रुद्राभिषेक कराता है। इस बार थाइलैंड से दो बहनें फ्रोनक्रान फंगफाओ और एर्री वीराथेस अपने बेटे बनपेट यम्मनीचाई के साथ आईं और रुद्राभिषेक किया। विदेशी महिलाओं के रुद्राभिषेक करना ग्रामीणों के लिए कौतूहल का विषय बना रहा।
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IPS Transfer : सीएम योगी का ऐक्शन, 18 आईपीएस के तबादले आर्थिक परेशानी दूर हुई बताया जाता कि, थाईलैंड के सुफनबुरी बैंकाक में फ्रोनक्रान फंगफाओ और एर्री वीराथेस का परिवार आर्थिक तंगी गुजर रहा था। एक दिन किसी भारतीय ने उन्हें भगवान शंकर की पूजा करने को कहा। उन्हें तस्वीर दिया और पूजा की विधि भी बताई। कुछ दिन की पूजा के बाद परिवार की आर्थिक परेशानी दूर हुई। तो पूरे परिवार की शिव में श्रद्धा बढ़ गई। और जानकारी कर वाराणसी आई बाबा विश्वनाथ और मारकंडे महादेव का दर्शन किया।
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लाली मुर्गा मर गया पूरा गांव रोया, मालिक ने तेरहवीं में 500 को कराया भोज जानें शंकर में जगी श्रद्धा थाई बहनों ने बताया कि, एक बार वे वाराणसी आए थे। तभी उन्हें भगवान शंकर में श्रद्धा जगी थी, जिसके बाद हर साल वे भारत में सावन महीने में आकर रुद्राभिषेक कराती हैं। कोरोना के कारण दो साल भारत नहीं आ पाए थे। इस साल कुशीनगर आकर रुद्राभिषेक पूरे विधि-विधान के साथ किया।