काफी तलाश के बाद भी जब महिला का पता नहीं चल पाया तो पुलिसकर्मी बच्चों के ‘पालनहार’ बन गए। भूख से बिलख रहे बच्चों के लिए पुलिसकर्मियों ने खाने-पीने की व्यवस्था की और उन्हें रात तक संभाला। इसके बाद बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया, जहां से उन्हें शिशु गृह में अस्थाई आश्रय दिया गया है।
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थानाधिकारी उम्मेद सिंह ने बताया कि महिला के पति धीरज नायक को सोमवार को गांजे के साथ गिरफ्तार किया था। उसकी पत्नी अंजली तीनों बच्चों को लेकर थाने आ गई और पति को छोड़ने को लेकर हंगामा किया। वह थाने के गेट पर बैठ गई और शाम को तीनों बच्चों को गेट पर छोड़ कर चली गई।
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हमारे स्टाफ ने बच्चों के लिए हीटर लगाया। महिला पुलिसकर्मी ने तीन माह के बच्चे को संभाला। दूध की बोतल मंगवा कर दूध पिलाया। अन्य दोनों बच्चों के लिए बिस्किट मंगवाए। पुलिस जीप में बच्चों को सर्दी लगती, इसलिए रात 11 बजे तीनों बच्चों को निजी कार से पुलिसकर्मी कोटा पहुंचे और बाल कल्याण समिति की सदस्य मधुबाला शर्मा के समक्ष प्रस्तुत किया। तीनों बच्चों को शिशु गृह में आश्रय दिलाया गया है।