इधर, कोटा में गुरुवार को विधायक हीरालाल नागर, विद्याशंकर नंदवाना ने जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता चौथमल चौधरी के साथ अतिरिक्त संभागीय आयुक्त आराधना सक्सेना से मसले पर वार्ता की। हाड़ौती के किसानों को पूरा नहरी पानी उपलब्ध कराने की मांग की। उधर, मुख्य अभियंता चौधरी, दाईं मुख्य नहर के एसई जितेंद्र लुहाडि़या ने दोपहर बाद दाई मुख्य नहर का पार्वती एक्वाडक्ट तक जायजा लिया।
500 क्यूसेक तक गेज मेंटेन किया जाए
विधायक हीरालाल ने बताया कि हाड़ौती के किसान हर साल पानी ले रहे हैं। हर साल विवाद होता है। हाड़ौती के पानी में किसी प्रकार कटौती नहीं होनी चाहिए। मध्यप्रदेश 3800 क्येसूक पानी की डिमांड करता है। वहीं हाड़ौती को 2500 क्यूसेक पानी चाहिए। एेसे में अगर नहरों के गेट ठीक करके या मरम्मत करके 500 क्यूसेक भी गेज मेंटेन कर दिया जाए तो मध्यप्रदेश व हाड़ौती को पर्याप्त पानी मिल सकता है।
3300 क्यूसेक भी मिल जाए तो छोड़ देंगे पानी
उधर, मध्यप्रदेश के जल निरीक्षण सेल प्रभारी एक्सईएन प्रवीण गौड़ ने ‘पत्रिकाÓ को बताया कि वैसे तो हमें 3900 क्यूसेक पानी चाहिए। लेकिन, सीएडी प्रशासन पार्वती एक्वाडक्ट पर 3300 क्यूसेक पानी भी उपलब्ध करवा देता है तो हम किसानों को समय पर सिंचाई जल उपलब्ध करवा सकते हैं। एेसी स्थिति में गांधी सागर से पानी की निकासी की जा सकती है।
अधिकारियों को बताई समस्या
इस सबसे इतर, भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधिमंडल ने जयपुर में सिंचाई विभाग के जोनल चीफ इंजीनियर एमआर डूडी, पीआर भाकल से वार्ता कर नहरों में पर्याप्त पानी छोड़ऩे की मांग की। इस दौरान संघ के प्रदेश महामंत्री कैलाश गंदोलिया, सह महामंत्री दलाराम बटेसरा, जगदीश प्रसाद, चितौड़ प्रांत के महामंत्री प्रवीण सिंह चौहान, जयपुर प्रांत अध्यक्ष छोगालाल सैनी, जोधपुर प्रांत जैविक प्रमुख तुलछाराम सिंवर आदि मौजूद थे।