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नहीं मिला इलाज का भी मौका कोटा में दिनों दिन मौसमी बीमारियों का कहर बढ़ता जा रहा है। डेंगू, स्वाइन फ्लू और स्क्रब टायफस घर उजाड़ रहे हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग बीमारियों की रोकथाम के प्रति गंभीर नहीं दिख रहा। इसी का नतीजा है कि सोमवार देर शाम डेंगू से युवती व स्वाइन फ्लू से गर्भवती महिला की मौत हो गई। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार विज्ञान नगर छत्रपुरा तालाब निवासी 18 वर्षीय ज्योति को शाम पांच बजे तलवंडी स्थित निजी अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती करवाया था। जांच में डेंगू के लक्षण दिखे। इसी आधार पर उसका इलाज शुरू किया, लेकिन शाम 7 बजे उसकी मौत हो गई।
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गर्भवती को भी डेंगू ने निगला कोटा मेडिकल कॉलेज के न्यू हॉस्पिटल में भर्ती मध्यप्रदेश के भानपुरा तहसील निवासी 20 वर्षीय महिला की स्वाइन फ्लू से मौत हो गई। वह एक माह से गर्भवती थी। उसे सुबह अस्पताल लाया गया था। शाम को 6 बजे उसकी मौत हो गई। संभाग में मंगलवार को डेंगू के 17, स्वाइन फ्लू के 7 व स्क्रब टायफस के 2 मामले सामने आए हैं। डेंगू के कोटा के 14, भीलवाड़ा 1, बूंदी 1, बारां 1, स्वाइन फ्लू कोटा के 5, मंदसौर 1, झालावाड़ 1 और स्क्रब टायफस के कोटा और बूंदी में एक-एक नए रोगी सामने आए हैं।
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सेन्ट्रल लैब में पानी ही नहीं हाड़ौती संभाग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमबीएस में ब्लड सेंपल की जांच करने के लिए बनने वाली स्लाइड धोने तक के लिए पानी नहीं है। इस लैब में जेके लोन व एमबीएस की पाइप लाइन से जलापूर्ति होती है, लेकिन पाइप लाइन खराब होने के कारण लैब में पानी नहीं पहुंच पा रहा। सुबह अचानक जेके लोन की पाइप लाइन में रुकावट आ गई। इससे यहां जलापूर्ति नहीं हो सकी। बाद में कर्मचारियों ने पाइप की रुकावट को दूर किया। उसके बाद दोपहर बाद यहां जलापूर्ति हो सकी और डेंगू एवं स्वाइन फ्लू जैसी गंभीर बीमारियों के सेंपल की जांच हो सकी।