read more : नाबालिग लड़के के साथ एक साल तक किया घिनौना काम लालच मे गंवा दिए लाखों मामले के अनुसंधान अधिकारी एएसआई विजय सिंह ने बताया कि अमृत कलश कॉलोनी निवासी शारदा देवी ने सितम्बर २०१७ में अदालत में परिवाद पेश किया था। इसमें कहा था कि उसके पति हरिप्रसाद रेलवे में चालक के पद से ३१ जुलाई २०१३ को सेवानिवृत्त हुए थे। रेलवे में ही कार्यरत दिनेश भोजवानी उसी दौरान मनप्रीत कौर के साथ उनके घर आया। जिसने बताया कि उन्होंने भविष्य को-ऑपरेटिव सोसायटी लि. नाम से संस्था बना रखी है। जिसमें रकम लगाने पर उन्हें अच्छा लाभ होगा। इसका लालच देकर दिनेश भोजवानी व मनप्रीत कौर ने उनसे १.२२ लाख रुपए लिए। उस संस्था में सपना भोजवानी भी एजेंट का काम करती थी। उन्हें एक साल में यह रकम १.६० लाख रुपए वापस करने का भरोसा दिलाया। विश्वास में आकर उन्होंने रकम दे दी। लेकिन एक साल बाद जब रकम लौटाने को कहा तो उन्होंने १.६० लाख रुपए का फर्जी चेक उन्हें थमा दिया। इस तरह से तीनों ने मिलीभगत कर उनसे १.२२ लाख रुपए की धोखाधड़ी कर ली।
एक को अंतरिम जमानत सिंह ने बताया कि अदालत से परिवाद प्राप्त होने पर तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। तीनों ने अदालत में अग्रिम जमानत अर्जी पेश की। जिस पर सपना व मनप्रीत की अर्जी हाईकोर्ट से खारिज हो गई जबकि दिनेश भोजवानी को हाईकोर्ट से ८ जनवरी तक अंतरिम जमानत मिली हुई है।
जोधपुर जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लाई पुलिस इधर अनुसंधान के दौरान भविष्य को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के बारे में जानकारी की तो पता चला कि उसके तीन आरोपित अध्यक्ष दामोदर नागदा, सचिव अरविंद मेहता व कोषाध्यक्ष राजेश शर्मा जोधपुर जेल में बंद है। इस पर अदालत से प्रोडक्शन वारंट प्राप्त कर तीनों को शुक्रवार देर रात को जोधपुर जेल से लेकर कोटा आए। शनिवार को तीनों को अदालत में पेश करने पर १९ जनवरी तक जेल भेज दिया।
हथकड़ी में लाए आरोपित विजय सिंह ने बताया कि तीनों आरोपितों के खिलाफ राजस्थान के कई जिलों में धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं। दामोदर के खिलाफ ८७, राजेश के खिलाफ ८५ व अरविंद के खिलाफ ७५ मामले दर्ज हैं। इस कारण से तीनों को हथकड़ी में अदालत में पेश किया गया।