दिल्ली-मुंबई मार्ग 1,483 किलोमीटर लंबा है जो 7 राज्यों से गुजरता है। इनमें दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र शामिल हैं। इससे नई दिल्ली-मुंबई के बीच लगने वाले यात्रा समय में 3.5 घंटे की कमी आएगी।
प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद राजस्थान के भरतपुर, करौली, सवाई माधोपुर, बूंदी, कोटा और झालावाड़ जिले को नई आधुनिक रेल सुविधाएं मिलेगी। स्पीड बढऩे के साथ माल ढुलाई में तेजी आएगी। इस मार्ग पर वंदेमातरम श्रेणी की निजी लक्जरी ट्रेनों का भी संचालन होगा। मिशन रफ्तार पूरा होने के बाद रेलवे वायु मार्ग से सफर करने वाले यात्रियों को भी ट्रेन में सफर करने के लिए लुभाएगा।
रेलवे की मिशन रफ्तार परियोजना के तहत वाया कोटा होकर नागदा से मथुरा के बीच रेलवे लाइन के दोनों ओर करीब 1086 किमी दीवार का निर्माण करेगा, ताकि मवेशी या जंगली जानवर ट्रेक पर नहीं जा सके हैं।
दिल्ली-मुंबई सेक्शन की गति 160 किलोमीटर प्रति घंटा बढ़ाने से पैसेंजर ट्रेनों की औसत गति में भी 60 प्रतिशत तक बढ़ोतरी होगी और मालभाड़ा यातायात की औसत गति भी दोगुनी हो जाएगी।
मिशन रफ्तार के एक हिस्से के रूप में भारतीय रेलवे अपने पूरे नेटवर्क में ट्रेनों की औसत गति में सुधार लाने के लिए एक मिशन के रूप में काम कर रही है। इस परियोजना पर करीब 6806 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।
कोटा मंडल में ढाई हजार करोड़ से ज्यादा खर्च होंगे।
योजना में ये तकनीकी बदलाव शामिल-
यह परियोजना के निर्माण चरण के दौरान रोजगार को बढ़ावा देने में मदद मिल रही है। इससे प्रत्यक्ष रूप से 3.6 करोड़ से अधिक कार्य दिवसों का सृजन होगा। इससे आर्थिक गुणक शुरू करने में मदद मिलेगी और सभी राज्यों में विकास को बढ़ावा मिलेगा। इस परियोजना से मार्ग की प्रवाह क्षमता में 30-35 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी।
-पंकज शर्मा, डीआरएम, कोटा