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भूखंडों पर भी खाली होते टिपरसड़क और तालाब ही नहीं, घरों से एकत्र कचरा खाली भूखण्डों तक में डाला जा रहा है। प्रशासन खाली भूखंडों को लेकर मालिकों को सफाई का नोटिस दे रहा लेकिन निगम के ठेकेदार शायद इससे कोई इत्तेफाक नहीं रखते। निगम में प्रतिपक्ष नेता अनिल सुवालका ने शुक्रवार को लैण्डमार्क सिटी के आसपास कचरा एकत्र कर टिपरों को सड़क के किनारे कचरा डालते हुए पकड़ा। सुवालका ने बताया कि टिपर खाली प्लाटों पर भी टिपर कचरे को खाली कर रहे हैं, जिससे भविष्य में बीमारियां व महामारी फैलने का डर लोगों में व्याप्त हो गया है।
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नाराजगी, तारबंदी और गंदगी
पिछले साल डीसीएम रोडवेज बस टर्मिनल से बारां रोड के बीच अस्सी फीट रोड पर कचरा पड़ा रहने पर राज्य सरकार ने महापौर, तत्कालीन आयुक्त व कलक्टर से कड़ी नाराजगी जताई थी। इसके बाद नगर विकास न्यास से तत्काल कचरा डालने की जगह फेसिंग करवा दी थी, लेकिन निगम के ठेकेदारों से इसी रोड पर अब आगे कचरा डालना शुरू कर दिया है। निगम प्रशासन आंखें मूंद बैठा है।
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सुबह 11 बजेछावनी-रामचन्द्रपुरा में रेलवे पुलिया के पास तालाब के किनारे सैकड़ों टन मलबे का ढेर लगा हुआ था। यहां शुक्रवार सुबह 11 बजे एक जेसीबी मशीन पहुंची। जेसीबी मशीन ने कचरे के ढेर को तालाब के पानी में धकेलना शुरू किया। ‘पत्रिका टीमÓ पहुंची तो जेबीसी चालक हड़बड़ा गया और जेसीबी मशीन खड़ी कर दी। थोड़ी देर बात फोन पर बात करने लगा। फोन पर बात से ‘रिलेक्सÓ होने पर करीब पांच मिनट बाद फिर पानी में कचरा फैलाने का काम ? शुरू कर दिया गया।