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उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि राजकीय कला महाविद्यालय, राजकीय कन्या कला महाविद्यालय और राजकीय कन्या वाणिज्य महाविद्यालय की नई इमारतों के निर्माण के लिए सरकार ने 6-6 करोड़ रुपए की राशि जारी की है। आरपीएससी राजकीय महाविद्यालयों में शिक्षकों के 1250 रिक्त पद भरने में जुटा है। 300 पदों पर भर्ती पूरी कर ली गई है। बाकी पदों की भर्ती प्रक्रिया को भी जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।
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अब नहीं होंगे साक्षात्कार
उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि छात्रों को भविष्य में शिक्षकों की कमी का सामना नहीं करना पड़े, इसलिए सरकार साल खत्म होने से पहले ही खाली होने वाले पदों का आकलन करा भर्ती प्रक्रिया शुरू कर रही है। इस साल 31 मार्च 2018 तक खाली होने वाले 939 पदों को वित्त विभाग से मंजूर करवाकर आरपीएससी को भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए भेज दिया है। शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए अब सिर्फ लिखित परीक्षा के आधार पर नई नियुक्तियां होंगी। साक्षात्कार को खत्म कर दिया गया है।
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फरवरी तक पूरी हो जाएगी डीपीसी
विधि महाविद्यालयों में डीपीसी प्रक्रिया फरवरी तक पूरी कर नए प्राचार्यों की तैनाती कर दी जाएगी। वहीं राजकीय महाविद्यालयों में भी प्राचार्यों के खाली पदों पर भी इसी माह नई तैनाती कर दी जाएगी। संविदा पर तैनात होने वाले सेवा निवृत्त शिक्षकों का मानदेय 26 हजार रुपए महीने से बढ़ाकर 42 हजार रुपए कर दिया गया है।
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संस्कृत शिक्षक ही बनेंगे प्राचार्य
उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि संस्कृत शिक्षा सेवा नियमावली तैयार हो चुकी है, जल्द ही इसे सर्वसम्मति से लागू कर दिया जाएगा। इस नियमावली के लागू होने के बाद संस्कृत महाविद्यालयों की हालत सुधारने के लिए सिर्फ संस्कृत विषय के शिक्षकों को ही महाविद्यालय में प्राचार्य बनाने का प्रावधान रखा गया है। छात्रों की समस्याएं सुनने के लिए महाविद्यालयों में छात्र पंचायतों का भी आयोजन शुरू कर दिया गया है। कोटा में भी जल्द ही छात्र पंचायत आयोजित की जाएगी।