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कोटा में बनेगा स्टोन पार्क, 2000 करोड़ का होगा निवेश, 700 से 1000 नई प्रोसेसिंग लग सकेंगी

कोटा को देश-दुनिया में पहचान दिलाने वाले कोटा स्टोन उद्योग को ऑक्सीजन देने और पत्थर आधारित नई औद्योगिक इकाइयां लगाने के लिए कोटा में स्टोन पार्क बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। रीको ने राज्य सरकार को स्टोन पार्क की जरूरत के मद्देनजर प्रस्ताव भेज दिए हैं। जनप्रतिनिधि भी चाहते है कि पत्थर उद्योग को सम्बल देने के लिए स्टोन पार्क बनाया जाए।

कोटाOct 23, 2024 / 12:24 pm

Ranjeet singh solanki

kota ston

कोटा स्टोन की फैक्ट्री में प्रोसेसिंग होता पत्थर

कोटा को देश-दुनिया में पहचान दिलाने वाले कोटा स्टोन उद्योग को ऑक्सीजन देने और पत्थर आधारित नई औद्योगिक इकाइयां लगाने के लिए कोटा में स्टोन पार्क बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। रीको ने राज्य सरकार को स्टोन पार्क की जरूरत के मद्देनजर प्रस्ताव भेज दिए हैं। जनप्रतिनिधि भी चाहते है कि पत्थर उद्योग को सम्बल देने के लिए स्टोन पार्क बनाया जाए।

कोटा स्टोन केवल कोटा और झालावाड़ जिले में ही पाया जाता

प्रदेश में कोटा स्टोन (लाइम स्टोन) केवल कोटा और झालावाड़ जिले में ही पाया जाता है। इस पत्थर की घरेलू मार्केट के अलावा विदेशी मार्केट में भी अच्छी डिमांड है। बदलते दौर में कोटा स्टोन में वैल्यू एडिशन कर अन्य आकर्षक उत्पाद बनाए जाने लगे हैं। इसलिए अब स्टोन पार्क की जरूरत है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उद्यमियों की मांग पर कोटा में स्टोन पार्क बनाने का प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए थे। रीको ने इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है।

2000 करोड़ का हो सकता है निवेश

उद्यमियों का कहना है कि स्टोन पार्क की स्थापना की जाती है तो कोटा स्टोन हब बन सकता है। अब तक स्टोन एक्सपोर्ट रॉ मेटेरियल के रूप में ही होता है। स्टोन पार्क से वैल्यू एडिशन कर बाजार की जरूरत के हिसाब से प्रोडक्ट बनाकर सप्लाई किए जा सकते हैं। इसमें पत्थर की निर्यात आधारित इकाइयां भी लग सकेंगी। स्टोन पार्क में 700 से 1000 नई प्रोसेसिंग स्पलिटिंग यूनिट्स लग सकती है। इसमें दो हजार करोड़ का निवेश हो सकता है। 25 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल सकेगा।

मंडी नहीं स्टोन पार्क चाहिए

राज्य सरकार ने बजट में कोटा के लिए स्टोन मंडी की घोषणा की थी। कोटा में पहले ही झालावाड़ रोड और रामनगर में स्टोन मंडी संचालित है। दोनों ही जगह माइंस से पत्थर आता है और बेचा जाता है। दोनों मंडियों में कोई वैल्यू एडिशन नहीं होता है। इसलिए उद्यमी चाहते हैं कि कोटा में स्टोन पार्क बने, ताकि स्टोन की प्रोसेसिंग इकाइयां भी लग सकें।

फतेहपुर- गुंदी क्षेत्र में जमीन चिह्नित

रीको ने रामगंजमंडी क्षेत्र के फतेहपुर-गुंदी औद्योगिक क्षेत्र के पास ही स्टोन पार्क के लिए जमीन चिह्नित की है। यह क्षेत्र भारत माला परियोजना के दिल्ली-मुम्बई एट लेन एक्सप्रेस-वे के नजदीक है। इस क्षेत्र में ही कोटा स्टोन प्रचुर मात्रा में निकलता है। इसके अलावा झालावाड़ जिले में भी कोटा स्टोन की माइंस है। ऐसे में यह जगह स्टोन पार्क के लिए उपयुक्त मानी जा रही है।

विधायक ने लिखा सीएम को पत्र

लाडपुरा विधायक कल्पना देवी ने मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री और उद्योग मंत्री को पत्र लिखकर बजट में की गई स्टोन मंडी के संबंध में ध्यानाकर्षण करते हुए बताया था कि कोटा में दो स्टोन मंडियां पहले से संचालित हैं। इसलिए स्टोन पार्क खोला जाए। इससे कोटा स्टोन की नई इकाइयां लगेंगी। साथ ही रोजगार का सृजन भी हो सकेगा। विधायक ने लिखा कि कोटा स्टोन हमारी पहचान है। इसको संबल देना हमारा दायित्व है।

पत्रिका कॉनक्लेव में उठा था मुद्दा

राजस्थान पत्रिका की ओर से पिछले दिनों आयोजित कोटा कॉनक्लेव में उद्यमियों ने स्टोन पार्क की स्थापना करने और कोटा में स्टोन मार्ट आयोजित करवाने की मांग की थी।
कोटा स्टोन

– 200 प्रोसेसिंग यूनिट वर्तमान में संचालित

– 48 रामगंजमंडी व 100 से ज्यादा झालावाड़ जिले में खनन पट्टाधारी।

– 40 हजार लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार मिला हुआ है।
-900 से ज्यादा प्रोसेसिंग यूनिट संचालित थीं डेढ़ दशक पहले, आबादी के विस्तार के साथ 70 फीसदी बंद हो गईं।

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