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कोटा विश्वविद्यालय और राजस्थान एकाउन्टेन्ट्स एसोसिएशन की ओर से रविवार को विश्वविद्यालय सभागार में जीएसटी की बारीकियां समझाने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें सीजीएसटी उपायुक्त नरेश बुन्देल ने कहा कि देश में करों का बंटवारा स्पष्ट करने के लिए सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (सीजीएसटी) और स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (एसजीएसटी) प्रारूप के मॉडल को अपनाया गया है। इसका क्रियान्वयन और नीति निर्धारण जीएसटी काउन्सिल में होता है। जहां राज्यों एवं केन्द्र को बराबर प्रतिनिधित्व दिया गया है। 5 प्रकार के कर स्लेब हैं, जो कि 0, 5, 12, 18, 28 फीसदी की दर से प्रभावी हैं।
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बिल लेंगे तभी नई कर प्रणाली का फायदा जीएसटी उपायुक्त ने कहा कि देश के सभी ग्राहक जब खरीदारी करते समय बिल जरूर लेंगे, तभी देश को इस नई कर प्रणाली का असली फायदा होगा। नहीं तो दुकानदार यहां भी टैक्स चोरी से बाज नहीं आएंगे। सीए अनीश माहेश्वरी ने बताया कि सभी शिक्षण संस्थाओं, विद्यार्थियों, शिक्षक व स्टाफ से सम्बन्धित सेवाएं जीएसटी मुक्त हैं। कार्यशाला में सीएडी के वित्तीय सलाहकार एस.एन. शर्मा कुलसचिव डॉ. सन्दीपसिंह चौहान और वित्त नियंत्रक नीरज मिश्रा ने भी विचार व्यक्त किए। राजस्थान एकाउन्टेन्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश जैन ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाओं के आयोजन से जीएसटी को समझना आसान होगा, इसलिए शिक्षण संस्थाओं में नियमित कार्यशालाएं आयोजित होनी चाहिए।