यूडीएच मंत्री ने यूआईटी और निगम अधिकारियों की बैठक ली थी, इसमें लाडपुरा विधायक और दक्षिण विधायक ने अमृत 2 योजना की डीपीआर पर सवाल उठाते हुए नए सिरे से डीपीआर तैयार करने की मांग उठाई थी। इसके बाद मंत्री ने सचिव व जिला कलक्टर को इस संबंध में निर्देश दिए। अब जनप्रतिनिधियों से चर्चा के बाद परियोजना रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
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यूआईटी है नोडल एजेंसी
कोटा शहर में पेयजल व्यवस्था को सुदृढ़ करने का प्रयास किया जा रहा है। अमृत योजना के द्वितीय फेज में कोटा में 330 करोड़ रुपए पेयजल पर व्यय किए जाएंगे। इस योजना पर कार्य अक्टूबर से किया जाना था, लेकिन विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई। इस कारण काम शुरू नहीं हो पाया। योजना में प्रदेश में कोटा ऐसा शहर होगा, जहां सबसे ज्यादा राशि खर्च करने का प्रावधान रखा गया। यह संपूर्ण कार्य यूआईटी के माध्यम से किए जाएंगे। इस कार्य योजना में 30 से 40 उच्च जलाशय बनाए जाएंगे। बारां रोड पर पाइप लाइन डाली जा चुकी है। बरसों से चम्बल के पानी से वंचित इस क्षेत्र में भी नागरिकों को चंबल का पानी मिलने लगेगा।
नए जलशोधन केन्द्र से मिलेगा लाभ
वर्ष 2018 में स्मार्ट सिटी के माध्यम से 154 करोड़ की योजना बनाई थी। यह योजना संपूर्ण कोटा शहर के लिए थी, लेकिन डीपीआर स्मार्ट सिटी की गाइडलाइन के अनुकूल नहीं होने के कारण इस पर कार्य नहीं हो सका। अब इसमें कोटा उत्तर निगम के लिए 175 करोड़ तथा दक्षिण निगम में 220 करोड़ का बजट जारी किया है।
लाडपुरा क्षेत्र के कई क्षेत्रों को अमृत 2 में शामिल नहीं किया गया। देवली अरब, थेगड़ा, रायपुरा क्षेत्र की कॉलोनियों में आज भी चम्बल का पानी नहीं पहुंचा है। बोरिंग का पानी पीने को विवश हैं। समूचे क्षेत्र को शामिल करवाया जाएगा।
कल्पना देवी, विधायक लाडपुरा
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क्षतिग्रस्त पाइप लाइनों के कारण 40 फीसदी पानी की बर्बादी हो रही है। तंत्र काफी पुराना हो गया है। इसलिए नई पाइप लाइनें बिछाई जानी चाहिए। कांग्रेस सरकार में भेदभाव किया गया था। अब नए सिरे से डीपीआर तैयार करवाएंगे।
संदीप शर्मा विधायक कोटा दक्षिण