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कोटा

न ब्रेक है, न जीवन रक्षक इक्युपमेंट, फिर भी शान से दौड़ रही कंडम एम्बुलेंस

108 एम्बुलेंस अवधिपार, सभी चार गाडि़यां हो चुकी है कंडम। मरीजों के साथ राहगीरों की जान खतरे मे।

कोटाNov 16, 2017 / 04:01 pm

ritu shrivastav

ambulance

108 एम्बुलेंस

ब्रेक फेल, जीवन रक्षक इक्युपमेंट बंद। फिर भी मरीजों को लेकर तेज स्पीड से सड़कों पर दौड़ रही है कंडम घोषित हो चुकी 108 एम्बुलेंस। ऐसे में घायल तो दूर राहगीरों की जान भी जोखिम में पड़ी है। वर्तमान में शहर में दौड़ रही सभी चार 108 एम्बुलेंस कंडम हो चुकी है, फिर भी उन्हें नियमों को ताक पर रखकर दौड़ाया जा रहा है। इनमें से तीन गाडि़यां तो कटने के लिए चली गई थीं। एम्बुलेंस का हाल ये है कि ना तो इनमें ब्रेक लग रहे हैं और ना ही उसके जीवन रक्षक इक्युपमेंट काम कर रहे हैं। मरीज के साथ राहगीर भी इनकी चपेट में आ चुके हैं। हाल ही कुछ दिन पूर्व भीमगंजमंडी क्षेत्र में हुई दुर्घटना में 108 एम्बुलेंस की टक्कर से एक राहगीर की गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई। इससे कुछ समय पूर्व सुल्तानपुर में एक एम्बुलेंस अनियंत्रित होकर पलट गई थी। नई गाडि़यों की बाट जोह रहे एम्बुलेंस चालक भी कई बार उच्चाधिकारियों को इस बारे में अवगत करा चुके हैं।
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4 में से 3 गाडि़यां जुगाड़ पर

शहर में चार गाडिय़ां 108 एम्बुलेंस की चल रही है। इनमें से उद्योग नगर, भीमगंजमंडी व कुन्हाड़ी की एम्बुलेंस को कटने के लिए भेजा था, लेकिन इन्हें वापस मंगा लिया और जुगाड़ कर मरीज के साथ राहगीर की जान जोखिम में डाल चलाया जा रहा है। ये तीनों गाडि़यां 6 माह तक कंडम होने के बाद खड़ी रही थीं। महावीर नगर की गाड़ी कंडम नहीं हुई, लेकिन वह भी अवधिपार है।
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जिले में 17 गाडि़यां, 14 अवधिपार

राजस्थान एम्बुलेंस कर्मचारी यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता जोगेन्द्र शर्मा ने बताया कि कोटा जिले में 108 एम्बुलेंस की 17 गाडिय़ां हैं जिसमें से 14 अवधिपार हो चुकी हैं। इन सभी को 2008 में लिया गया था, जिन्हें नियमानुसार पांच साल या ढाई लाख किलोमीटर चलाना था, लेकिन ये सभी गाडि़यां 5 साल से भी अधिक समय से चल रही हैं। इसके साथ ही इनमें लगे जीवन रक्षक एक्युपमेंट भी खराब हो चुके हैं। जिले में 14 गाडि़यां 104 की चल रही हैं। वहीं 3 बैस एम्बुलेंस संचालित है।
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चालकों ने की नियमित करने की मांग

जोगेन्द्र शर्मा बताया कि बुधवार को जिला कलक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। सभी कर्मचारियों को नियमित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को ठेका प्रथा से मुक्त किया जाना चाहिए। साथ ही जब तक उन्हें स्थाई नहीं किया जाता तब तक उन्हें श्रम कानूनों की पालना सख्ती से करवाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि एम्बुलेंस चालकों को बहुत ही कम वेतन मिल रहा है, जिससे घर खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है। इस अवसर पर अनिल, विक्रम, इमरान, जुबेर, दीपक सहित कई लोग उपस्थित थे।
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वर्तमान स्थिति पर जिम्मेदारों की बात

जिले में कुल 108 की 17 गाडिय़ां है, 14 गाडिय़ाें की अवधिपार हो चुकी, कोटा शहर में 4 गाडिय़ां है, 3 जुगाड़ पर चल रही हैं, जिले में 104 की 14 गाडिय़ां हैं, 3 बैस एम्बुलेंस संचालित। उच्चाधिकारियों को लिखेंगे-मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरके लवानिया ने कहा कि 108 एम्बुलेंस का वेरीफिकेशन कराया जाएगा। उसके बाद खराब एम्बुलेंस को हटाने के लिए उच्च अधिकारियों को लिखेंगे। कोटा संभाग जीवीके कम्पनी के डिविजनल मैनेजर संदीप कुमार ने बताया कि 108 एम्बुलेंस की स्थिति खराब है, लेकिन नई एम्बुलेंस नहीं आ रही। इसलिए पुरानी ही चलाई जा रही हैं।

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