डेंगू के बाद अब बच्चों में रोटा वायरस ने दस्तक दी है। रोटा वायरस के असर से खांसी-जुकाम, बुखार, उल्टी-दस्त की शिकायतें आने लगी है। इससे अस्पतालों में मरीजों की संख्या भी बढऩे लगी है। जेके लोन अस्पताल की बात करे तो इस बीमारी से ग्रसित बच्चों से पूरा वार्ड भरा हुआ है।
यहां शहर के अलावा ग्रामीण इलाकों से भी परिजन बच्चों को लेकर अस्पताल में इलाज के लिए पहुंच रहे है। चिकित्सकों के अनुसार इन दिनों रोटा वायरस से खांसी-जुकाम, डायरिया, बुखार से पीडि़त बच्चे ज्यादा आ रहे है। पिछले तीन दिनों के आंकड़े देखे तो 30 बच्चे रोटा वायरस के भर्ती हुए है। अमूमन प्रतिदिन 10 से 15 बच्चे रोजाना अस्पताल पहुंच रहे है।
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100 से 150 बच्चों की आ रही ओपीडी जेके लोन अस्पताल के सहायक आचार्य डॉ. पंकज सिंघल ने बताया कि मौसम परिवर्तन से रोटा वायरस ने दस्तक दी है। इस कारण बच्चों में बुखार, उल्टी दस्त की शिकायतें आ रही है। इन दिनों इनडोर में भर्ती होने की बच्चों की संख्या कम है लेकिन आउटडोर में इसकी अधिकता है।
कारखानों को देना होगा जमीन से खींचे गए पानी का हिसाब, एनजीटी ने पीसीबी को दिए जांच के आदेश अस्पताल की रोजाना ओपीडी फिलहाल 100 से 150 मरीजों की है। मौसम बदलने के साथ ही बच्चों में खांसी-जुकाम और रोटा वायरस की शिकायत होने लगती है। मौसम बदलने का सबसे अधिक प्रभाव 6 माह से पांच साल तक के बच्चे पर पड़ रहा है। रोटा वायरस के बचने के लिए बच्चों को वैक्सिन भी लगाया जाता है। लेकिन अभिभावकों के जागरूक नहीं होने के कारण बच्चों की संख्या बढ़ रही है। अधिकतर अभिभावकों को बच्चों को ओआरएस घोल पिलाने की सलाह दी जा रही है।
यह रखे सावधानीइस मौसम में उबलाकर पानी पिएं।
सादा व ताजा खाना ही खाएं।
खाने में तेल, मसाला का प्रयोग न करें।
बच्चों काे सर्द मौसम से बचाकर रखें एवं उन्हे गर्म कपडे़ पहना कर रखें।